मकसूद आलम/अबुल क़ासिम की ग्राउंड रिपोर्ट
पाकुड़। मुफस्सिल थाना क्षेत्र के बंगाल बॉर्डर पर गोपीनाथपुर गांव में प्रतिबंधित जानवर की कुर्बानी को लेकर दो समुदाय में झड़प के दूसरे दिन भी बमबाजी से इलाका दहल उठा। एक के बाद एक लगातार बमबाजी के साथ फायरिंग भी हुई। आगजनी और तोड़फोड़ भी की गई। ईंट पत्थर भी खुब चलाएं गए। फायरिंग में पंद्रह साल का एक बच्चा घायल हो गया। घटना स्थल पर मौजूद होमगार्ड के एक जवान पत्थरबाजी का शिकार हो गया। पैर में चोट लगने से वे घायल हो गए। गोपीनाथपुर सहित आसपास के गांवों में भी दहशत का माहौल बन गया। कुल मिलाकर स्थिति तनावपूर्ण हो गया। नियंत्रण के लिए काफी संख्या में पुलिस के जवान पहुंचे। पूरा गोपीनाथपुर गांव पुलिस छावनी में तब्दील हो गया। पुलिस अधीक्षक प्रभात कुमार खुद मोर्चा संभाले हुए थे। उनके साथ डीडीसी डॉ. शाहिद अख्तर, मुख्यालय डीएसपी जितेंद्र कुमार, सिविल एसडीओ, विकास त्रिवेदी मौजूद थे। आईआरबी के जवान और रैप के जवानों को तैनात किया गया था। घटना को सीमा पार के बंगाल किस्टोनगर के ग्रामीणों के द्वारा दिया गया। किस्टोनगर के ग्रामीण नदी पार कर गोपीनाथपुर गांव में घुसकर हमला कर दिया।
मामले को सुलझाने में लगातार कोशिश में जुटी है प्रशासन
ईद के दिन प्रतिबंधित जानवर की कुर्बानी देने और उसका विरोध करने को लेकर उत्पन्न विवाद को सुलझाने में प्रशासन लगातार कोशिश में जुटी है। पहला दिन बमबाजी, तोड़फोड़ और पत्थरबाजी पर नियंत्रण पा लिया गया था। घटना की पुनरावृत्ति नहीं हो, इसके लिए गोपीनाथपुर गांव में पुलिस कैंप भी कर रही थी। प्रशासन के प्रयास से मामला पुरी तरह से शांत हो चुका था।
अगले दिन क्या हुआ
अगले दिन मंगलवार को दोबारा अचानक ही बमबाजी होने लगी। एक के बाद एक लगातार बमबाजी से इलाका दहल उठा। आवाजें सुनकर घटना को जानने आसपास के गंधाईपुर, चांदपुर, काबिलपुर, हरिगंज से भी लोगों की भीड़ गोपीनाथपुर की ओर पहुंचने लगी। सूत्रों के मुताबिक बंगाल किस्टोनगर गांव के लोगों ने गोपीनाथपुर में धावा बोल दिया। इस दौरान जमकर बमबाजी हुई। ईंट और पत्थर भी जमकर चलाएं गए। जिससे माहौल पूरी तरह बिगड़ने लगा। इधर घटना की खबर पर भरपूर पुलिस बल के साथ जिले के शीर्ष अधिकारियों का पहुंचना शुरू हो गया। इसके बाद बमबाजी करने वाले लोग नदी पार कर बंगाल किस्टोनगर भाग निकले। पुलिस की मौजूदगी में भी सीमा पार से बमबाजी और फायरिंग की आवाजें सुनाई पड़ रही थी। फिलहाल खबर भेजे जाने तक सबकुछ नियंत्रण में था। हालांकि स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई थी।
फायरिंग में हरिगंज का बच्चा घायल
गोपीनाथपुर गांव में फायरिंग के दौरान 15 साल के एक बच्चे के पैर में गोली लग गई। जिससे वह घायल होकर गिर पड़ा। जिसका इलाज बंगाल के एक अस्पताल में चल रहा है। घायल बच्चे की पहचान हरिगंज गांव के हुमायूं शेख का पुत्र अरसलाम शेख के रुप में हुई है। हालांकि गोली कैसे और किस तरह से लगी, इसकी पुष्टि नहीं हो पाया है। एसपी प्रभात कुमार का कहना है कि पुलिस की निगरानी में बच्चे का इलाज चल रहा है। अभी तक पुरी जानकारी नहीं मिली है। इधर स्थानीय कुछ अपरिचित लोगों से बातचीत के दौरान पता चला कि गोली से घायल अरसलाम घटना को दूर से देख रहा था। एक आम बगान में खड़ा था, तभी अचानक से पैर में आकर गोली लग गई।
होमगार्ड के जवान भी हुए घायल
घटनास्थल पर पुलिस बल के साथ मोर्चा संभाले एक होमगार्ड के जवान बैजनाथ यादव भी चोटिल हो गए। किस्टोनगर (बंगाल) के लोगों की तरफ से ईंट और पत्थरबाजी में उनके पैर पर चोट लगी। हालांकि चोटें आने के बाद भी वे घटनास्थल पर डटे रहे।
तीन से चार घर फूंके गए, बाइक भी जलाई
दो समुदायों के बीच झड़प में मंगलवार को दूसरे दिन बंगाल किस्टोनगर के ग्रामीणों ने गोपीनाथपुर गांव में जमकर उत्पात मचाया। इस दौरान बमबाजी, पत्थरबाजी और गोलीबारी के साथ-साथ तीन से चार घरों को भी आग के हवाले कर दिया। इनमें एक अनन्या मंडल का घर भी शामिल हैं। इसके अलावा कई और घरों को भी जला दिया गया। वहीं एक बाइक में भी आग लगाने की खबर मिली है।
कई परिवारों ने दहशत में आकर छोड़ा घर
गोपीनाथपुर गांव के कई परिवारों ने दहशत में आकर घर छोड़ दिया है। अपने रिश्तेदारों के घर पनाह लिए हुए है। घटना के दूसरे दिन मंगलवार को आगजनी के शिकार परिवार के मुखिया अनन्या मंडल और उनकी पत्नी मोनिता मंडल ने बताया कि घटना के पहला दिन से ही घर छोड़ चुके थे। अगले दिन घर जला देने की सूचना पर पहुंचे थे। अनन्या मंडल ने बताया कि जो सामान बचा है, उसे लेकर रिश्तेदार के घर जा रहे हैं। वहीं अजिजुल शेख भी अपने परिवार के साथ घर छोड़ कर चले गए। बता दें कि अजिजुल के घर के पास स्थित आम बगान में ही प्रतिबंधित जानवर की कुर्बानी को लेकर विवाद शुरू हुआ था। इन दो परिवारों के अलावा कई और भी लोगों के घर छोड़ने की सूचना मिली है।
क्या है पूरा मामला
पाकुड़ मुफस्सिल थाना अंतर्गत गोपीनाथपुर गांव स्थित है, जो बंगाल सीमा से सटा हुआ है। इसके ठीक विपरीत दिशा में (पूर्वी दिशा) बंगाल का किस्टोनगर गांव है। इन दोनों गांव के बीच से एक नदी (मसना नदी) गुजरी है। विश्वस्त सूत्रों के मुताबिक ईद के दिन सोमवार को गोपीनाथपुर गांव में एक घर के पास बगान में प्रतिबंधित जानवर की कुर्बानी दी जा रही थी। इसी दौरान स्थानीय कुछ ग्रामीणों ने विरोध कर दिया। दोनों समुदाय के कुछ लोग आपस में भीड़ गए। कुर्बानी देने वाले लोगों ने विवाद की सूचना सीमा पार बंगाल किस्टोनगर गांव के रिश्तेदारों को दी। जिसके बाद सैंकड़ों की संख्या में बंगाल किस्टोनगर गांव के लोग नदी पार कर गोपीनाथपुर आम बगान पहुंच गए। फिर जमकर लड़ाई हो गई। जिसमें दोनों पक्ष के कई लोग घायल हो गए। इसके बाद बमबाजी शुरू हो गई। ईंट पत्थर भी जमकर चलाएं गए। पुलिस के पहुंचने के बाद मामला शांत हो गया। वहीं गोपीनाथपुर गांव में रात भर पुलिस कैंप करती रही। अगले दिन मंगलवार को अचानक ही फिर से बंगाल किस्टोनगर के ग्रामीणों ने गोपीनाथपुर में धावा बोल दिया।
एसपी ने कहा
एसपी प्रभात कुमार ने कहा कि मामला नियंत्रण में है। फिर भी स्थिति को देखते हुए पुलिस कैंप कर रही है। एक बच्चे के घायल होने की बातें सामने आई है। अभी सटिक जानकारी जुटाई जा रही है।