समाचार चक्र संवाददाता
पाकुड़-गुरुजी शिबू सोरेन ने अलग राज्य आंदोलन की विस्तार लिट्टीपाड़ा क्षेत्र से की।जिसमे तत्कालीन विधायक साइमन मरांडी की अहम भूमिका रही। महाजनी के विरुद्ध किये गए आंदोलन के कारण विधायक ने गुरुजी को लिट्टीपाड़ा आने का न्योता दिया। हिरणपुर स्थित विधायक आवास में लाया गया। उसी शाम गुरुजी के साथ विधायक साइमन मरांडी सहित काफी संख्या में लोग जगह जगह पहुंचकर आंदोलन का शंखनाद किये थे। तब से गुरुजी का इस क्षेत्र में निरन्तर आना जाना लगा रहा। 80 के दशक में पत्थर उद्योगों में मजदूरों के साथ किये जा रहे शोषण के खिलाफ , बीड़ी पत्ता मजदूरों की मजदूरी बढ़ाना आदि आंदोलन में गुरुजी हमेशा से आकर आंदोलन में अहम भूमिका निभाई थी। वर्ष 1988 में हिरणपुर में स्थापित नेताजी की प्रतिमा की अनावरण के दौरान स्वंय उपस्थित होकर लोगो की हौसला अफजाई किये थे। इसके बाद अलग राज्य आंदोलन के दौरान तो गुरुजी का आश्रयस्थल हिरणपुर स्थित विधायक आवास में निरन्तर बना रहा था। जहां आंदोलन की रूपरेखा बनाया जा रहा था। गुरुजी ने लिट्टीपाड़ा क्षेत्र में साइमन मरांडी के संग रहकर गांव गांव में दौरा किया व लोगो को महाजनी प्रथा के विरुद्ध सशक्त किया। वही अलग राज्य आंदोलन के दौरान भी काफी सशक्त होकर उभरे। लोगो का रुझान पूर्व से ही गुरुजी के साथ था , जब गुरुजी को लोगो ने सामने पाया तो संघर्ष को लेकर आगे बढ़ गए। इसके बाद झामुमो की गठन में भी गुरुजी ने साइमन मरांडी सहित अन्य नेताओं के साथ मिलकर काठीकुंड स्थित नलिन सोरेन के घर मे बैठक कर अहम भूमिका निभाई। गुरुजी के निधन से क्षेत्र के लोग मर्माहत है।
