ललन झा @समाचार चक्र
अमड़ापाड़ा। झारखंड मुक्ति मोर्चा के केंद्रीय प्रवक्ता सह पूर्व मंत्री हेमलाल मूर्मू ने मंगलवार को प्रखंड क्षेत्र का तूफानी दौरा किया। वो सर्वप्रथम सिंगारसी पंचायत के पकलो गांव गए। वहां के लोगों से मिले। उनकी आधारभूत समस्याओं को जाना। फिर डूमरचीर ग्राम पंचायत पहुंचे। वहां भी उनसे मिलने ग्रामीणों की भीड़ उमड़ी। यहां भी लोगों ने अपने पुराने व वरिष्ठ नेता को विभिन्न बुनियादी समस्याओं से अवगत कराया।उन्होंने गंभीरता से तमाम बातों को सुना। फिर आगे बढ़े और आलूबेड़ा पंचायत के लिट्टीपाड़ा गांव पहुंचे। करीब डेढ़ सौ परिवार वाले इस गांव में पेयजल, रोजगार, चिकित्सा आदि नागरिक समस्याएं तो सामने आईं ही। इससे इतर यहां के ग्रामीणों ने नेता जी को अपने विशेष तकलीफों से रूबरू कराया। समस्याओं में जूझ रहे प्रभावितों का दर्द छलक पड़ा। ग्रामीणों ने कहा कि हमलोग पचुवाड़ा सेंट्रल कोल ब्लॉक के अंतर्गत हैं। हमलोग आने वाले समय में विस्थापित होंगे। वर्तमान में यहां के ग्रामीण पीने के पानी को तरस रहे हैं। गांव में एक भी उपयोगी चापानल नहीं है। एक टैंकर पानी से ही इतने बड़े गांव को काम चलाना पड़ता है। बीजीआर जैसी बड़ी और प्रभावशाली कंपनी ग्रामीण समस्याओं के प्रति आंशिक रूप से भी संवेदनशील नहीं है। यह विस्थापितों और प्रभावितों को शोषित कर रही है। ग्रामीणों की न कोई समस्या सुनती है और न ही उनका सम्मान करती है। हमलोग कंपनी के रवैये से आजिज हो चुके हैं। अब आप ही हमारी समस्याओं का निदान कीजिए। उन्होंने बीजीआर के बड़े अधिकारी वाइस प्रेसिडेंट अनिल रेड्डी को फोन भी लगाया लेकिन कॉल पिक नहीं किया। अंततः उन्होंने कंपनी के अन्य अधिकारी संजय बेसरा से मोबाइल पर आवश्यक बात किया। अंत में वो आलूबेड़ा और पचुआड़ा पंचायत के लोगों से भी मिले।
बीजीआर के साथ त्रिपक्षीय वार्ता का तैयार करना होगा प्लैटफॉर्म
केंद्रीय प्रवक्ता श्री मूर्मू ने ग्रामीणों की बातों को सुनने के बाद कहा कि जब गांव की जमीन अधिग्रहित हो चुकी है। गांव माइनिंग प्लांट के अंतर्गत है। तो जिलाधिकारी यानि डीसी को समस्या की जानकारी देकर उनकी उपस्थिति में ग्रामीण प्रतिनिधि और कंपनी के अधिकारियों के समक्ष त्रिपक्षीय वार्ता की जाएगी। मैं मौजूद रहूंगा। श्री मूर्मू ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय का आदेश सरकार द्वारा तय मानदंड के परिप्रेक्ष्य में तथ्यों से अवगत हो डीसी को विस्थापितों व प्रभावितों के हक में सरकार के निर्देश के तहत काम करना होगा।