समाचार चक्र संवाददाता
पाकुड़। अवैध लॉटरी का धंधा अमीर बनने का सबसे आसान तरीका बनता जा रहा है। शायद इसलिए इस गैर कानूनी धंधे में नए-नए चेहरे जुड़ने लगे हैं। दिन-ब-दिन धंधे में कदम रखने वालों की तादाद बढ़ रहा है। विशेषकर बेरोजगार युवाओं के लिए सबसे पसंदीदा तरीका प्रतीत हो रहा है। सदर प्रखंड में अवैध लॉटरी के कई गिरोह सक्रिय है और उन गिरोहों में ज्यादातर युवाओं की भागीदारी की बातें कहीं जा रही है। शहर से शुरू होकर अब गांव में फैल रही इस गैर कानूनी धंधे में गिने-चुने लोग ही होते थे। लेकिन अब इस की तादाद सैकड़ों में हो गई है। पूर्व में एक-दो गिरोह ही अवैध लॉटरी का धंधा चलाते थे। अब दर्जनों गिरोह सक्रिय हो गया है। जिन्हें अलग-अलग कंपनी के नाम से भी जाना जा रहा है। इधर अंजना और गंधाईपुर गांव में भी हाल के दिनों में एक लॉटरी गिरोह काफी सक्रिय हो गया है। हालांकि पुलिस ने इस गिरोह के ठिकानों पर छापेमारी कर अवैध लॉटरी के धंधे का भंडाफोड़ किया था। जिसमें अंजना गांव के साकिर शेख नाम के एक युवक को जेल भी भेजा गया था। वहीं सूत्रों का दावा है कि अंजना और गंधाईपुर के इस गैंग ने एक बार फिर लॉटरी के धंधे को जोर शोर से शुरू कर दिया है। जिसमें गिरोह के सदस्य हर दिन लाखों की कमाई कर लॉटरी खरीदने वाले लोगों को चूना लगा रहे हैं। अंजना और गंधाईपुर सहित आसपास के गांवों में हर गली मोहल्ले में इस गिरोह का लॉटरी खुलेआम बेचा जा रहा है। अंजना और गंधाईपुर ही नहीं बल्कि आसपास के दर्जन भर गांव में इसी गैंग के द्वारा लॉटरी की बिक्री की जा रही है। इससे इतना तो साफ है कि अवैध लॉटरी के धंधा चलाने वालों को पुलिस या कानून का जरा भी डर नहीं है। तभी तो पुलिस की कार्रवाई के बावजूद इन गांवों में अवैध लॉटरी का धंधा रुकने का नाम नहीं ले रहा है। यह धंधा दिन-ब-दिन फल फूल रहा है। इसका दुष्प्रभाव पूरे समाज पर पड़ रहा है। सूत्रों के मुताबिक बच्चों के माध्यम से भी लॉटरी बेचने का काम किया जा रहा है। पुलिस प्रशासन को ऐसे लोगों को चिन्हित कर सख्त कार्रवाई करनी चाहिए। ताकि समाज में गैरकानूनी धंधों को फैलने से रोका जा सके। अन्यथा इन्हीं कारणों से आपराधिक घटनाओं की संभावनाओं से इनकार नहीं किया जा सकता है।