फोटो-जागरूकता अभियान चलाते, सोर्स-समाचार चक्र
पाकुड़। झालसा रांची के निर्देश पर सोमवार को प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकार बाल कृष्ण तिवारी के निर्देश और सचिव शिल्पा मुर्मू के मार्गदर्शन में तारानगर पंचायत के तारानगर, अनुपानगर, कुसमानगर, लखीनारायणपुर सहित इलामी पंचायत में विशेष जागरुकता सह आउटरीच कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के तहत पीड़ित मुआवजा, महिला सशक्तिकरण सहित कानूनी जानकारी से दूर सुदूर ग्रामीण इलाकों के लगभग 22 सौ लोगों को जागरूक किया गया। पीएलवी कमला राय गांगुली, पिंकी मंडल, मैनूल शेख, उत्पल मंडल, याकुब अली, सायेम अली, नीरज कुमार राउत ने कहा कि मोटर वाहन दुर्घटना होने पर पीड़ित परिवार को उनके क्षतिपूर्ति हेतू मुआवजा का प्रावधान है। उचित मुआवजा दिलाने के उद्देश्य से झारखंड परिवहन विभाग में वाहन दुर्घटना दावा न्यायाधिकरण नियमावली 2019 लागू किया गया है। दुर्घटना के 6 माह के अंदर क्लेम कैसे करना जरूरी है। पुलिस अधिकारी मामले से संबंधित कागजात की मांग कर एफआईआर दर्ज कर न्यायिक प्रक्रिया हेतू मामले को आगे बढ़ाती हैं। पीड़ित मुआवजा केस में पुलिस का रोल बहुत अहम है। निर्धारित समय सीमा के अंदर मामला को न्यायालय तक भेजना उनकी जिम्मेवारी होती है। दुर्घटना के 90 दिन के अंदर डिटेल इन्वेस्टिगेशन रिपोर्ट दाखिल करना जरूरी है। इंज्यूरी या मौत दोनों केस में मुआवजा का प्रावधान है। ग्रामीणों को बताया गया कि मोटर वाहन दुर्घटना वाद से संबंधित दावा याचिका के साथ दुर्घटना के संबंध में दर्ज प्राथमिक की छाया प्रति, मौत के मामले में दावेदार और मृतक की पहचान के दस्तावेज, उपचार रिकॉर्ड, मृतक की शैक्षणिक योग्यता, मृत्यु या घायल के आय प्रमाण पत्र, पीड़ित की उम्र के बारे में दस्तावेज, थर्ड पार्टी इंश्योरेंस पॉलिसी का कवर नोट, मृतक के साथ दावेदार के संबंधों का ब्योरा आदि अन्य जरूरी कागजात की जरूरत होती है। वहीं महिला सशक्तिकरण के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई।