ललन झा@समाचार चक्र
अमड़ापाड़ा। प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत कई पुराने सरकारी भवन ऐसे हैं जो उपयोग में आ सकते हैं किंतु खाली पड़े-पड़े ये डेड असेट बनकर रह गए हैं। उल्लेखनीय है कि किसी उद्देश्य के निमित्त एक सामान्य भवन के निर्माण में भी सरकार या विभाग का लाखों खर्च हो जाता है। जन सामान्य के लिए एक पक्का मकान सपना होता है। झोपड़ी में जिंदगी गुजर जाती है।ऐसे में यदि यहां नए अथवा पुराने भवनों पर गौर किया जाय तो ये भवन बेकार और उपयोगहीन पड़े हुए हैं।समय के साथ अपनी मजबूती और टिकाऊपन खोते चले जा रहे हैं। इनपर प्रशासनिक नजर होनी चाहिए। इन्हें किसी सार्वजनिक या सामुदायिक हित में उपयोग में लाया जाना चाहिए। एक प्रशासनिक मुहिम के तहत इनके अस्तित्व को बचाया जाना चाहिए।
बेकार पड़े हैं ओल्ड सीएचसी भवन
बाजार अंतर्गत दुर्गा मंदिर के निकट पड़ा सीएचसी का बड़ा सा भवन कई वर्षों से बेकार व खाली पड़ा हुआ है। पहले सीएचसी इसी में संचालित था। जबसे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र फतेहपुर में शिफ्ट हो गया तबसे यह उपयोगी बिल्डिंग यूं ही पड़ा हुआ है। इसके कैम्पस में बकरियां चरती हैं। यह मवेशी के आराम फरमाने का अड्डा बन चुका है।अगर साफ-सफाई या उचित निर्वहन करा इस भवन का उपयोग सार्वजनिक हित में किया जाय तो भवन का औचित्य बना रहेगा। स्थानीय ग्रामीणों का मानना है कि प्रशासन को इस ओर ध्यान देना चाहिए।
पब्लिक डिमांड पर बीडीओ ने यहां पुस्तकालय संचालन का डीसी से किया है अनुरोध
बीडीओ श्रीमान मरांडी ने पब्लिक की मांग पर इस डेड पड़े बिल्डिंग में पुस्तकालय संचालन का आग्रह किया है। संज्ञान में आते ही डीसी ने इस ओर उचित पहल का भरोसा भी दिया है। अगर ऐसा होता है तो बिल्डिंग का अस्तित्व भी बचेगा और जनहित का लक्ष्य भी पूर्ण होगा।