समाचार चक्र संवाददाता
पाकुड़-धर्म का उद्देश्य ही इंसानियत होता है। धर्म कर्म है और इंसानियत उसका उद्देश्य, इसलिए इंसानियत ही बड़ा है। इंसानियत से बड़ा और कोई धर्म हो सकता है? इंसानियत में यदि प्रेम मिला दिया जाय तो इससे बड़ा धर्म कोई नहीं।इसका उदाहरण पाकुड़ शहर में देखने को मिला।
अचानक एक मित्र आलोक नोएल टुड्डू जो सोनाजोड़ी स्थित सदर अस्पताल में लैब टेक्नीशियन के पद पर कार्यरत है फोन किया। बताया डीडीएच धुलीयान में हिरणपुर की एक निहायत गरीब महिला मंजू मालतो 37 वर्ष एडमिट है। जिन्हें डायलिसिस में रखा गया है। किसी कारण रक्तस्राव अधिक हो गया है। उन्हें एक घण्टे के अंदर ओ पॉजिटिव ब्लड की आवश्यकता है।
इसपर इंसानियत फाउंडेशन के अध्यक्ष बानीज सेख से मोबाईल पर सम्पर्क किया। बानीज ने ग्रुप में अपील की, और तुरंत पाकुड़ जिले में पदस्थापित झारखंड पुलिस के जवान महबूब आलम खून देने के लिए तैयार हो गए।
फिलवक्त महबूब आलम पाकुड़ डीडीसी डॉक्टर शाहिद अख्तर के बॉडीगार्ड हैं। उन्होंने बताया कि मैं पहले भी ब्लड डोनेट किया हूँ, मुझे ब्लड देने में बहुत ही खुशी होती है।
मौके पर इंसानियत फाउंडेशन के अध्यक्ष बानीज सेख, अजफारुल सेख, कर्मी नवीन कुमार मौजूद थे।