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Maqsood Alam
(News Head)

कुशमाडांगा चेकनाका बना वसूली का अड्डा!नाईट ड्यूटी करने के लिए आपस में उलझते रहते हैं चेकनाका कर्मी।

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Gunjan Saha
(Desk Head)

समाचार चक्र संवाददाता

पाकुड़-मुफ्फसिल थाना क्षेत्र के कुशमाडांगा चेकनाका इन दिनों वसूली का अड्डा बन गया है!यहां नाईट ड्यूटी करने के लिए चेकनाका कर्मी आपस में ही उलझते दिख रहे है।यह उलझना और आपसी तकरार इस लिए भी होता है क्योंकि रात्रि में प्रतिदिन बिना माइनिंग चालान के वाहन पार कराया जाता है और इस एवज में प्रति ट्रक चेकनाका कर्मी को मोटी रकम मिल जाती है।प्राप्त जानकारी के अनुसार साहेबगंज और पाकुड़ जिला के बॉर्डर पर स्थित कुशमाडांगा में पाकुड़ जिला प्रशासन द्वारा अस्थाई चेकनाका बनाया गया है।जहां चौकीदार के अलावे रोजगार सेवक और पंचायत सेवक को रोस्टर के हिसाब से चौबीस घंटे ड्यूटी करना है। इस हिसाब से आठ-आठ घंटे ड्यूटी करना है।परंतु एकाध दिन छोड़ दी जाए तो दिन की ड्यूटी में सिर्फ चौकीदार ही ड्यूटी करते है और नाईट ड्यूटी करने के लिए आपसी नोकझोंक और तकरार होता है। ग्रामीण सूत्रों का कहना है कि बिना माइनिंग चालान की गाड़ी कुशमाफाटक गांव के रास्ते पार कराई जाती है।जबकि जिस सड़क से गाड़ी पार कराई जाती वह ग्रामीण सड़क है उस सड़क से किसी भी तरह की बड़ी गाड़ी नही चल सकता।लेकिन चेकनाका में प्रतिनियुक्त तथाकथित रोजगार जो आसपास के गांव के हैं और वर्षों से एक ही जगह पर जमें हुए हैं।उक्त रोजगार सेवक का पत्थर माफियाओं के साथ साथ गाड़ी मालिको से सीधे संपर्क है उन्हें मोबाईल फ़ोन से कांटेक्ट कर बिना माइनिंग चालान के ट्रक पार करा दिया जाता है।जिसके एवज में प्रति ट्रक मोटी रकम की वसूली कर ली जाती है।

रोजगार सेवक के फोन कॉल से हो सकता है बड़ा खुलासा…

कुशमाडांगा में तैनात एक रोजगार सेवक करोड़ों का संपति बना चुके हैं।ग्रामीणों की माने तो पिछले कई वर्षों से एक ही जगह पर जमें है।उक्त रोजगार सेवक को कुछ दिनों के लिए कुशमाडांगा से कासिला चेकनाका प्रतिनियुक्त किया गया था परंतु बीमारी का बहाना बनाकर पुनः कुशमाडांगा प्रतिनियुक्त करा लिया है।प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि तथाकथित रोजगार सेवक चेकनाका पर पहुंचते ही मोबाईल फोन पर व्यस्त हो जाते है और व्हाट्सएप्प के माध्यम से गाड़ी नम्बर मंगा ली जाती है।रास्ता क्लियर होते ही गाड़ी पार करा दिया जाता है।ग्रामीणों की माने तो प्रतिदिन रात्रि में चालीस से पचास ट्रक बिना माइनिंग चालान के पार कराया जाता है।सूत्रों ने यह भी बताया कि उक्त रोजगार सेवक का करोड़ों का संपति बना चुका है।

कुशमाडांगा के एक युवक पुलिस के नाम पर करता है वसूली-

कुशमाडांगा चेकनाका जहां स्थापित किये गए हैं। वहीं का एक युवक द्वारा पिछले कई वर्षों से वाहनों से पुलिस के नाम पर वसूली करता है।उक्त युवक रातभर जाग कर वसूली करता है। सूत्रों की माने तो कई बार ग्रामीणों द्वारा उक्त युवक की शिकायत भी की गई थी।शिकायत होने पर कुछ दिनों के लिए तो हटा दिया जाता है परंतु दोबारा अवैध वसूली शुरू कर दी जाती है।इधर इस मामले में अंचलाधिकारी भगीरथ महतो से पूछने पर बताया कि अगर रोजगार सेवक द्वारा ट्रकों से वसूली की जाती है तो मैं खुद जांचकर कार्रवाई करेंगे।इस तरह की शिकायत किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नही की जाएगी।

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