Crime Reporter
पाकुड़। मुफ्फसिल थाना क्षेत्र अंतर्गत झिकरहटी पश्चिमी पंचायत में 14 दिसंबर 2021 को घर में घुसकर बम से हमला कर महिला को मौत के घाट उतारने वाले आरोपी शीश मोहम्मद एवं विशू शेख को न्यायालय ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। सत्र न्यायाधीश प्रथम कुमार क्रांति प्रसाद की न्यायालय ने मामले में सत्र विचरण वाद संख्या 76/2022 और पाकुड़ मुफस्सिल थाना कांड संख्या 251/2021 से संबंधित मामले में मंगलवार को सुनवाई की है।उसमें अभियुक्त शीश मोहम्मद एवं विशू उर्फ बनी इसराइल को भारतीय दंड संहिता की धारा 302 के तहत कठोर आजीवन कारावास एवं 1,00,000 अर्थ दंड, धारा 307 के तहत 10 वर्ष कठोर करावास 50,000 और धारा 324 के तहत 3 वर्ष कठोर कारावास और 10,000 अर्थदंड की सजा सुनाई गई। उक्त मामला पीड़ित के लिखित बयान के आधार पर दर्ज किया गया था। जिसके मुताबिक 14 दिसंबर 2021 को समय 10:00 बजे जब वादी लोटामारा क्रेशर में काम कर रहा था, तो उन्हें सूचना मिली कि उनके घर पर शीश मोहम्मद झगड़ा कर रहा है। जब अपने गांव झिकरहटी आया तो देखा कि शीश मोहम्मद, विशू उर्फ बनी इसराइल, इमामुद्दीन सभी मिलकर उनकी पत्नी के साथ झगड़ा कर रहे थे। घर के सामने कचरा क्यों फेंकी, इसी बात को लेकर उक्त सभी उग्र हो गए और सभी हाथ में बम लेकर वादी के घर पर बम फेंकने लगा। तभी वादी एवं उनकी पत्नी घर के अंदर अपने को बचाने के लिए छुप गए। इसके बाद शीश मोहम्मद के द्वारा घर का दरवाजा तोड़कर सूचक की पत्नी पर बम फेंक दिया। जिसमें बम फटने से उनकी पत्नी गंभीर रूप से जख्मी हो गई और इलाज के क्रम में उसकी मृत्यु हो गई। उक्त घटना में सूचक के साथ-साथ उनके भाई मनिरूल शेख भी जख्मी हुआ था। उक्त घटना को लेकर पाकुड़ मुफस्सिल में कांड दर्ज किया गया था, जो भारतीय दंड संहिता की धारा 324, 307, 302, 34 एवं धारा 4 और 5 विस्फोटक अधिनियम के तहत दर्ज किया गया था। उक्त मामले में अनुसंधान के पश्चात अनुसंधानकर्ता के द्वारा अभियुक्तों के विरुद्ध न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल किया गया। इसके उपरांत शीश मोहम्मद शेख एवं विशू शेख का अलग से विचरण प्रारंभ हुआ एवं विचारण के उपरांत 10 गवाहों का प्रति परीक्षण अभियोजन की ओर से कराया गया। फोरेंसिक रिपोर्ट भी दस्तावेज के रूप में प्रदर्शन कराया गया। सभी तथ्यों एवं गवाहों को देखने के उपरांत न्यायालय के द्वारा उक्त अभियुक्त के विरुद्ध पर्याप्त साक्ष्य पाते हुए दोषी करार दिया गया। दोनों अभियुक्त को भारतीय दंड संहिता धारा 302, 307, 324, 34 के तहत सजा सुनाई गई। साथ ही साथ जुर्माना की राशि जमा होने पर पीड़ित परिवार को भुगतान करने का न्यायालय के द्वारा आदेश दिया गया।