समाचार चक्र संवाददाता
कोटालपोखर– व्याहुत कलवार सेवा समिति कोटालपोखर के तत्वधान में कुल देवता श्री बलभद्र भगवान की पूजा अर्चना धूमधाम से किया गया। यजमान के रूप में अमरनाथ भगत सपत्नी मौजूद थे।
पुरोहित पंडित पारसनाथ मिश्र द्वारा विधि विधान के साथ पूजन कराया गया। उक्त अवसर पर समाज के बड़ी संख्या में पुरुष व महिला और बच्चे उपस्थित थे। समिति की ओर से समाज के बुजुर्ग पुरुष और महिला को शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया गया।
सम्मानित होने वालों में दुल्लू प्रसाद भगत, रामेश्वर प्रसाद भगत, गणेश प्रसाद भगत, ह्रदयनारायण भगत, उप मुखिया संध्या देवी, सरस्वती देवी, कविता देवी को सम्मानित किया गया।
उपरोक्त कार्यक्रम में अध्यक्ष विनय कुमार भगत, उपाध्यक्ष डॉक्टर सोनू भगत, कोषाध्यक्ष राजू भगत, गणेश प्रसाद भगत, लक्ष्मण प्रसाद भगत, रितेश भगत, विनोद प्रसाद भगत, सोनम भगत मुख्य रूप से मौजूद थे।
कार्यक्रम के अंत में समिति को भंग कर एक नई समिति का गठन किया गया जो इस प्रकार है। विनय कुमार भगत को संरक्षक, अध्यक्ष डॉ सोनू भगत, उपाध्यक्ष गणेश प्रसाद भगत, लक्ष्मण प्रसाद भगत, विनोद प्रसाद भगत, महासचिव राजकुमार भगत, कोषाध्यक्ष प्रदीप भगत, संयुक्त सचिव के रूप में प्रमोद कुमार भगत, रितेश भगत, सोनम भगत, विकास भगत, हेमंत भगत, सुशील भगत, कार्यकारिणी सदस्य के रूप में सच्चिदानंद भगत, रितेश भगत, नारायण भगत, बबलू भगत एवं अमन भगत को बनाया गया है।
नवनियुक्त अध्यक्ष बनने के बाद डॉक्टर सोनू भगत ने बताया कि बलभद्र भगवान को हम सभी बलराम, हलधर, शेषनाथ आदि के नाम से भी जानते हैं। जो भगवान श्रीकृष्ण के बड़े भाई थे। वे देवकी के सांतवें संतान थे। कंस के कारण माता देवकी के गर्भ से योगमाया ने उन्हें नंद जी के घर माता रोहिणी के गर्भ में पहुंचाया था। भगवान श्रीकृष्ण इन्हें दाऊ जी कहकर पुकारते थे। भगवान श्री बलभद्र कलवार समाज के कुल देवता हैं। जिनकी पूजा पूरे भारत वर्ष के साथ-साथ पड़ोसी देश नेपाल में भी की जाती है। डॉक्टर सोनू ने कहा प्रत्येक वर्ष कार्यक्रम किये जाते हैं और बलभद्र भगवन की पूजा पूरे धूमधाम से की जाती है।