Homeपाकुड़प्रभु यीशु के आखरी शब्द थे ‘हे ईश्वर इन्हें क्षमा करें,क्योंकि ये...
Maqsood Alam
(News Head)

प्रभु यीशु के आखरी शब्द थे ‘हे ईश्वर इन्हें क्षमा करें,क्योंकि ये नहीं जानते कि ये क्या कर रहे हैं”-फादर स्टीफन सोरेन

समाचार चक्र की खबरें अब Google news पर

क्लिक करें
Gunjan Saha
(Desk Head)

मक़सूद आलम की रिपोर्ट

पाकुड-ईसाई धर्मावलंबियों का पवित्र त्योहार सात अप्रैल को है।मान्यता है कि इस दिन प्रभु यीशु मसीह को कई यातनाएं देने के बाद सूली पर चढ़ाया गया था। इसी वजह से ईसाई धर्म के लोग गुड फ्राइडे के दिन को प्रभु यीशु के बलिदान दिवस के रूप याद करते हैं।उपरोक्त बातें मेथोडिस्ट चर्च के डिस्ट्रिक्ट सुप्रिटेंड फादर स्टीफन सोरेन ने जानकारी दी है।उन्होंने बताया ईसा मसीह को गुड फ्राइडे के दिन ही सूली पर लटका दिया गया था और मरते हुए भी ईसा मसीह ने किसी के लिए कुछ बुरा नहीं कहा बल्कि इनके आखिरी शब्द ऐसे थे जिन्हें जानकर पत्थर का भी कलेजा पिघल जाए।गुड फ्राइडे ईसाई धर्म के लोगों द्वारा मनाया जाने वाला वह त्‍योहार है, जिसका नाम सुनने से लगता है कि यह कोई जश्‍न होगा। लेकिन ऐसा नहीं है। गुड फ्राइडे को शोक दिवस के तौर पर मनाया जाता है।जब यहूदी शासकों ने प्रभु यीशु को तमाम शारीरिक और मानसिक यातनाएं देने के बाद सूली पर चढ़ाया था तो उस दिन शुक्रवार था।चूंकि प्रभु यीशु ने मानव जाति के लिए हंसते-हंसते अपना जीवन कुर्बान कर दिया, इसलिए इस शुक्रवार को ईसाई धर्म के लोग ‘गुड फ्राइडे’ के रूप में मनाते हैं। इस दिन को ईसाई धर्म को मानने वाले कुर्बानी दिवस के रूप में मनाते हैं।

क्या है गुड फ्राइडे का इतिहास….

फादर स्टीफन ने बताया करीब 2004 साल पहले ईसा मसीह यरुशलम में रहकर मानवता के कल्‍याण के लिए भाईचारे,एकता और शांति के उपदेश देते थे। सभी लोगों ने उन्‍हें परमपिता परमेश्‍वर का दूत मानना शुरू कर दिया। इस वजह झूठे और पाखंडी धर्म गुरुओं ने प्रभु यीशु के खिलाफ यहूदी शासकों के कान भरने शुरू कर दिए। फिर एक दिन उन पर राजद्रोह का मुकदमा चलाकर सूली पर चढ़ाए जाने का फरमान जारी कर दिया गया। इससे पहले उन्‍हें कांटों का ताज पहनाया गया।प्रभु को सूली को कंधों पर उठाकर ले जाने के लिए विवश किया गया। आखिर में उन्‍हें बेरहमी से मारते हुए उन्‍हें कीलों से ठोकते हुए सूली पर लटका दिया गया।

ये थे प्रभु यीशु के आखिरी शब्‍द….

सूली पर लटकाने से पहले कांटों का ताज तक पहना दिया तो भी उनके मुख से सभी के लिए सिर्फ क्षमा और कल्याण के संदेश ही निकले। यह उनके क्षमा की शक्ति की अद्भुत मिसाल मानी गई। प्रभु यीशु के मुख से मृत्यु पूर्व ये मार्मिक शब्द निकले, ‘हे ईश्वर इन्हें क्षमा करें,क्योंकि ये नहीं जानते कि ये क्या कर रहे हैं…’।

आखिरी वक्‍त में आया ऐसा जलजला….

ईसाई धर्म के पवित्र बाइबिल में यीशु को सूली पर चढ़ाए जाने की घटना के बारे में विस्‍तृत रूप से बताया गया है। प्रभु यीशु को पूरे 6 घंटे तक सूली पर लटकाया गया था। बताया जाता है कि आखिरी के 3 घंटों में चारों ओर अंधेरा छा गया था। जब यीशु के प्राण निकले तो एक जलजला सा आया। कब्रों की कपाटें टूटकर खुल गईं। दिन में अंधेरा हो गया। माना जाता है कि इसी वजह से गुड फ्राइडे के दिन चर्च में दोपहर में करीब 3 बजे प्रार्थना सभाएं होती हैं। मगर किसी भी प्रकार का समारोह नहीं होता है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

RELATED ARTICLES

Recent Comments