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Maqsood Alam
(News Head)

जर्जर कूप में जिंदगी और मौत से लड़ रहे लुकस को आठ घंटे बाद सुरक्षित निकाला गया

साहसी ग्रामीण युवकों की सूझबूझ, अनवरत कोशिश और धैर्य ने बचाई लुकस की जान

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Gunjan Saha
(Desk Head)

ललन झा@समाचार चक्र
अमड़ापाड़ा। जर्जर कूएं में जिंदगी और मौत से आठ घंटो तक जूझता रहा 35 वर्षीय युवक लुकस उर्फ बबलू किस्कू को ग्रामीणों ने अंततः कड़ी मशक्कत के बाद सुरक्षित निकाल लिया। घटना रविवार को उदलबनी ताला टोला से लगभग पांच सौ फीट दूर स्थित कूंय बहियार में घटित हुई। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि लुकस अनुमानतः तीस फ़ीट गहरे और आठ-दस फ़ीट चौड़े दशकों पुराने कूएं की सफाई के लिए अंदर घुसा था। दुर्भाग्यवश अचानक कूएं का धसना (कूप के दीवार की मिट्टी और बड़े-बड़े पत्थर) गिर गया। उसने जान बचाने की कोशिश की और उतने छोटे जगह में ही एक कोने में दुबक गया। उसका बायां पैर पानी में पत्थर और मिट्टी से दब गया। आनन-फानन में ग्रामीणों की भीड़ जुट गई। इंस्पेक्टर सह थाना प्रभारी अनुप रोशन भेंगरा को ज्योंही घटना की सूचना मिली उन्होंने स्थल पर जेसीबी भेजा। एसआई पप्पू कुमार, एएसआई प्रदीप कुमार सहित पुलिस बल स्थल पर डंटे रहे। जानकारी मिलते ही बीडीओ प्रमोद गुप्ता, मुखिया साहेबजन किस्कू भी वहां पहुंचे और लुकस के सुरक्षित रेस्कयू तक वहां रुके रहे। चूंकि कूएँ की दशा बेहद खराब थी इसलिए बड़ी समझदारी के साथ उसमें मदद के लिए अन्य आदमी के उतरने को स्लोपिंग बनाई गई। हिम्मतबाज ग्रामीण युवक कूप में घुसे दर्जनों बड़े – बड़े पत्थरों को हटाया। अंततः सात-आठ घंटों के कड़े मशक्कत के बाद लुकस को कूएँ से सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया।

राखे राम तो मारे कौन, मारे राम तो राखे कौन

लुकस का सेफ रेस्कयू किसी दैवी चमत्कार से कम नहीं रहा। कूएँ में फंसे लुकस को देख सबों की बुद्धि गुम हो गई। एक भी अगले पत्थर के खिसकने से उसकी जान जा सकती थी। वह हर पल मौत के साए में जी रहा था। लुकस ने भी हिम्मत नहीं हारी।उसके जीवन के लिए लोग आठ घंटों तक दुआ करते रहे। जब आठ घंटे बाद उसे सुरक्षित बाहर निकाला गया तो लोगों ने दिल से से यह महसूस किया कि मारे राम तो राखे कौन और राखे राम तो मारे कौन !

दर्जनों ग्रामीण युवकों ने लुकस को मौत के साए से सुरक्षित निकाल लिया

ताला टोला सहित लतार टोला, चितान टोला, मांझी टोला के दर्जनों साहसी युवक शेखर हांसदा,प्रकाश किस्कू, गबेरियल किस्कू, आशुतोष किस्कू, नाजीर किस्कू, शिकर हांसदा, बबलू हांसदा, जकारियस किस्कू, लखन हांसदा, जुनास किस्कू, मुकेश हांसदा, सिल्वेस्टर मूर्मू आदि ने अपने धैर्य , कोशिश और बुद्धिमानी का परिचय देते हुए मौत के साए में आठ घंटों से फंसे लुकस को सुरक्षित निकाल लिया।

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