सामचार चक्र संवाददाता
विज्ञापन
पाकुड़। पाकुड़ के मिट्टी पर भी माफियाओं की गिद्ध नजर पड़ गई है। प्रशासनिक अनुमति के बिना ही बड़े पैमाने पर मिट्टी की कटाई की जा रही है। जिससे लाखों रुपए की अवैध कमाई से माफिया अपनी जेबें भर रहे हैं। यहां की मिट्टी बंगाल में खफाई जा रही है। इसमें लाल मोरम मिट्टी खासतौर पर शामिल हैं। माफिया जेसीबी मशीन से काटकर ट्रैक्टर से मिट्टी बंगाल भेज रहे हैं। वहीं सफेद मिट्टी स्थानीय ईंट भट्टों में बेचें जा रहे हैं। सदर प्रखंड के मदनमोहनपुर पंचायत के चिरुडीह, मरुआपहाड़ी और नरोत्तमपुर पंचायत में वीर गोपालपुर मौजा में मिट्टी कटाई की ऐसी तस्वीरें सामने आई है। इन जगहों से बड़े पैमाने पर मिट्टी काटने और बेचे जाने की चर्चाओं ने जोर पकड़ लिया है। लोगों में चर्चा है कि इन जगहों पर अवैध तरीके से मिट्टी काटकर बंगाल भेजे जा रहे हैं और लाखों की कमाई कर अपनी जेबें भर रहे हैं। हालांकि ग्रामीण खुलकर विरोध भी नहीं कर पा रहे हैं। मिट्टी माफियाओं के सामने गांव वाले हिम्मत भी नहीं जुटा पा रहे हैं। कई लोगों ने नाम प्रकाशित नहीं करने के शर्त पर बताया कि मदनमोहनपुर पंचायत के चिरुडीह और मरुआपहाड़ी में लाल मोरम मिट्टी की कटाई कर उन जगहों को भयावह बना दिया है। ये बड़े-बड़े खदान का रुप ले चुका है। हालांकि यहां की जमीन को रैयती जमीन भी बताए जा रहे हैं। लेकिन जानकारों का कहना है कि किसी भी हालत में इस तरह बड़े पैमाने पर लाल मोरम मिट्टी की कटाई बिना अनुमति के नहीं कर सकते हैं। सूत्रों का कहना है कि माफिया यहां की मिट्टी बंगाल में खपाया जा रहा है। प्रत्येक दिन काफी संख्या में ट्रैक्टर के जरिए मोरम मिट्टी बंगाल में बेचे जा रहे हैं। इधर नरोत्तमपुर में सफेद मिट्टी की कटाई को लेकर ग्रामीणों ने नाम प्रकाशित नहीं करने के शर्त पर बताया कि जिन जगहों की मिट्टी काटी जा रही है, वह जमीन गोचर भूमि है। लेकिन माफिया गोचर जमीन पर भी अपना हक जता रहा है और बेखौफ होकर ईंट भट्टों को बड़े पैमाने पर मिट्टी बेच रहे हैं। इन दोनों ही पंचायत में मिट्टी कटाई की जांच कर कार्रवाई करने की मांग की जा रही है। इधर खान निरीक्षक सुबोध सिंह ने कहा कि मामलों की जानकारी लेकर जांच करेंगे। किस तरह की मिट्टी की कटाई हो रही है और अन्य बिंदुओं पर जांच के बाद ही कुछ कहा जा सकता है। अगर नियम के खिलाफ मिट्टी की कटाई हो रही है, तो ही कार्रवाई संभव है।
विज्ञापन



