ललन झा@समाचार चक्र
अमड़ापाड़ा। नारी शक्ति के आदर व सम्मान का पर्व शारदीय नवरात्र के आठवें दिन रविवार को मां दुर्गा के अष्टम रूप महागौरी की पूजा हुई। अशीम नेम – निष्ठा के साथ बनारस के पंडित सुनील मिश्र व नागेश मिश्र ने स्थानीय सहयोगी पुरोहित शंभूनाथ झा और संदीप ओझा के साथ देवी के इस शक्ति की अर्चन – वंदन संपन्न कराई। दुर्गा पूजा समिति के अध्यक्ष सह यजमान बबलू भगत ने पूजन के दौरान पंडितों के निर्दिष्ट निदेशों का विधिवत अनुपालन किया। पूजनोपरांत , पंडाल में बड़ी संख्या में मौजूद महिला – पुरुष भक्तों ने मां को पुष्पांजलि अर्पित किया। आरती और प्रसाद वितरण के बाद आज के पूजन की समस्त विधि पूर्ण हुई। श्रद्धालुओं की भारी भीड़ के बावजूद सभी अनुशासित और संयमित दिखे। मजिस्ट्रेट व पुलिस के अधिकारी सहित पुरुष व महिला बल अपने कर्तव्य पर डंटे दिखे। प्रशासन के अलावे कमिटी सदस्यों ने विधि – व्यवस्था पर अपनी पैनी नजर रखी।
महागौरी के पूजन से पूर्वसंचित पापों का भी होता है नाश
शास्त्र के अनुसार महागौरी की आराधना कल्याणकारी होती है। इनकी कृपा से भक्तों को अलौकिक सिद्धियां प्राप्त होती हैं। इनका वर्ण पूर्णतः गौर है। इनके सभी आभूषण और वस्त्र सफेद हैं। इन्हें श्वेतांबरधरा भी कहा जाता है। ये वृषभ पर आरूढ़ हैं। महागौरी के ऊपर का दाहिना हाथ अभय मुद्रा में , नीचे के दाहिने हाथ में त्रिशूल , ऊपर वाले बाएं हाथ में डमरू तथा नीचे वाला हाथ वर मुद्रा में है।
भव्य पंडाल बना पूजा का आकर्षण
भक्तों की भीड़ के मद्देनजर लगभग 5 हजार वर्ग फीट पर बना सुविधायुक्त सुंदर पंडाल ने पूजा के आकर्षण को दूना कर दिया है। महिलाओं की सुविधा का खास ध्यान रखा गया है। पंडाल में सेल्फी पॉइंट भी बनाए गए हैं। गेरूआ अथवा हल्के केशरिया रंग से निर्मित पंडाल के सफेद नक्काशीदार बॉर्डर व पीलर आकर्षक हैं। जगह – जगह लगे सीसीटीवी कैमरे व आपातकालीन स्थिति से निबटने के इंतजाम पंडाल की रौनक को और बढ़ा रहे हैं।