समाचार चक्र संवाददाता
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पाकुड़। अगर इच्छा-शक्ति हो, तो कोई भी काम असंभव नहीं है। यह दृढ़ संकल्प और मेहनत से किसी भी चुनौती को पार करने में मदद करती है। इच्छा-शक्ति को मजबूत करने के लिए लक्ष्य तय करना और अपनी मानसिकता को सकारात्मक रखना महत्वपूर्ण है। यह कोई फिल्मी डायलॉग नहीं है, बल्कि यह आम जीवन में कामयाबी के अहम मार्ग है। झारखंड के सबसे अंतिम छोर पर बसा साहिबगंज जिला के कोटालपोखर गांव की मशीरा अज़हर ने इसे साबित कर दिखाया है।एक साधारण परिवार में जन्मी मशीरा अजहर ने सिद्धू-कान्हू मुर्मू विश्वविद्यालय से स्नातक परीक्षा में समाज शास्त्र विषय में पुरे विश्विधालय में टॉपर रही। मशीरा मैट्रिक में 89 प्रतिशत लाकर जिला टॉपर बनी थी। जबकि इंटर में भी 89 प्रतिशत अंक लाकर कॉलेज में टॉपर हुई थी। वहीं स्नातक (समाज शास्त्र) विषय में 77 प्रतिशत अंक लाकर विविद्यालय टॉपर रही। मशीरा अजहर के पिता मोहम्मद अजहर पेशे से व्यवसाई है।
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जबकि उनकी माता शाहिना परवीन गृहिणी है।मशीरा ने बताया कि मेरा लक्ष्य यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन (युपीएससी) की परीक्षा क्वालीफाई करना है। देश के सबसे प्रतिष्ठित परीक्षा पास कर आईएएस, आईपीएस बनकर देश की सेवा करना चाहती हूं। जब पत्रकार ने पूछा आपने समाज शास्त्र विषय को क्यों चुना है। इसपर मशीरा ने बताया कि समाज में रहकर काम करना है। इसलिए समाज में रहकर समाज को जानना और उसपर बेहतर ढंग से काम करना चाहती हूं। मशीरा ने अपने बेहतर परिणाम का श्रेय अपने माता पिता और शिक्षक को दिया है। मशीरा ने बताया कि हमने अपनी शुरूआती शिक्षा टेलेंट सर्च पब्लिक स्कूल से की है। विद्यालय के डायरेक्टर वकील अहमद सर से काफी कुछ सिखने को मिला है। वकील सर ने कोटालपोखर क्षेत्र में शिक्षा का जो अलख जगाने का काम किया है, वो काबिल ए तारीफ है। इधर मशीरा अजहर का विश्वविद्यालय टॉपर की खबर सुनकर लोग बधाई दे रहे है। मशीरा की इस उपलब्धि से कोटालपोखर के लोग गोरांवित महसूस कर रहे है।




