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Maqsood Alam
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मंत्री आलमगीर आलम ने 12 करोड़ की योजनाओं का रखा आधारशिला, ग्रामीणों ने जताया आभार

हरिहरा से गोपीनाथपुर, पृथ्वीनगर से नवादा एवं देवतल्ला से बैस्टमडांगा तक 10 करोड़ की लागत से बनेगा पीसीसी सड़क

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Gunjan Saha
(Desk Head)

समाचार चक्र संवाददाता

पाकुड़ ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम ने रविवार को सदर प्रखंड के ग्रामीण इलाकों में तकरीबन 12 करोड़ की लागत से बनने वाली निर्माण कार्यों का शिलान्यास किया।

आरईओ विभाग से हरिहर, पृथ्वीनगर एवं देवतल्ला गांव में लगभग 10 करोड़ की तीन अलग-अलग पीसीसी सड़क निर्माण कार्य का आधारशिला रखा। इस्लामपुर एवं जानकीनगर गांव में दो करोड़ की दो कौशल विकास केंद्र का भी शिलान्यास किया।

मंत्री आलमगीर आलम सर्वप्रथम हरिहरा गांव पहुंचे। आर ईओ विभाग से 3 करोड़ 11 लाख 63,800 रुपए की लागत से हरिहरा गांव से गोपीनाथपुर गांव तक बनने वाली सड़क का शिलान्यास किया। इसके बाद पृथ्वीनगर से गंधाईपुर होते हुए नवादा तक बनने वाली 3 करोड़ 76 लाख 74,900 रुपए की लागत के पीसीसी सड़क निर्माण का आधारशिला रखा। देवतल्ला से बैस्टमडांगा तक तीन करोड़ 29 लाख 23,000 के लागत के पीसीसी सड़क निर्माण का शिलान्यास किया। इस दौरान जानकीनगर में 99 लाख 34 हजार की लागत के कौशल विकास केंद्र का भी आधारशिला रखा। इस्लामपुर गांव में भी 99 लाख 34 हजार की लागत से बनने वाली कौशल विकास केंद्र का शिलान्यास किया।

इस दौरान मंत्री आलमगीर आलम का ग्रामीणों ने भव्य स्वागत किया। ग्रामीणों ने मंत्री के द्वारा किए जा रहे विकास कार्यों के लिए आभार व्यक्त किया।

मंत्री ने ग्रामीणों को संबोधित करते हुए कहा कि एक समय था, जब ग्रामीण क्षेत्रों में यातायात व्यवस्था बहुत ही दयनीय थी। पैदल चलना भी मुश्किल होता था। लोग साइकिले कंधे में टांग कर गांव से निकलते थे। मंत्री ने कहा कि मैंने अपने कार्यकाल में पाकुड़ और साहिबगंज जिला को हमेशा प्राथमिकता के तौर पर रखा।

उन्होंने कहा कि संयुक्त बिहार की बात हो या फिर अलग झारखंड राज्य, मेरी हमेशा इन दोनों जिला में फोकस रहा। उन्होंने कहा कि क्षेत्र का विकास ही मेरी पहली प्राथमिकता है। लोग खुशहाल रहे, यही मेरी कोशिश है। उन्होंने कहा कि मूलभूत सुविधाओं को मुहैया कराना मेरी जिम्मेदारी है। मैंने अपनी जिम्मेदारियों को निभाने का हर संभव प्रयास किया। मूलभूत सुविधाओं के साथ-साथ राशन और पेंशन को लेकर भी मैं गंभीर रहा।

मंत्री ने कहा कि पहले पेंशन के लिए एक उम्र सीमा होती थी। तय उम्र सीमा पर पहुंचने के बाद ही पेंशन मिलता था। मैंने इस बाध्यता को समाप्त किया। उन्होंने कहा कि समाज में ऐसी भी महिलाएं है, जो कम उम्र में ही विधवा हो जाती हैं। कुछ महिलाएं पुरुषों के छोड़ देने के बाद अकेली पड़ जाती हैं। ऐसी महिलाओं के लिए भी पेंशन की व्यवस्था की गई है। उनकी उम्र सीमा कुछ भी हो, पेंशन का प्रावधान किया गया है।

मंत्री आलमगीर आलम ने कहा कि कौशल विकास केंद्र के माध्यम से यहां के युवाओं को रोजगार का अवसर मिलेगा। कौशल विकास केंद्र में किसान या ग्रामीण अपने हुनर के जरिए रोजगार कर सकेंगे। यहां प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। ग्रामीण इलाकों में रोजगार का अवसर बढ़ेगा।

मौके पर जिलाध्यक्ष श्रीकुमार सरकार, प्रखंड अध्यक्ष मंसारुल हक, विधायक प्रतिनिधि देबू विश्वास, अल्पसंख्यक जिलाध्यक्ष शाहीन परवेज, प्रखंड कोषाध्यक्ष नुरजमान शेख, यूथ कांग्रेस से राजिकुल आलम राजू, हारुन रशीद, मुखिया बिलाल शेख, मतिउर रहमान, बशीर शेख, कार्यपालक अभियंता मनोहर कुमार, कनीय अभियंता राकेश कुमार, संवेदक अनिकुल आलम आदि मौजूद थे।

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