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Maqsood Alam
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मनरेगा नियमों की उड़ रही धज्जियां, ना सूचना बोर्ड ना मजदूरों के लिए टेंट या दवा

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Gunjan Saha
(Desk Head)

समाचार चक्र संवाददाता

पाकुड़-सदर प्रखंड के भवानीपुर पंचायत में मुखिया, सचिव और रोजगार सेवक की मिलीभगत से मनरेगा के तहत तालाब एवं डोभा निर्माण में नियमों की धज्जियां उड़ाई जा रही है। कार्यस्थल पर मजदूरों के लिए किसी तरह की कोई सुविधा उपलब्ध नहीं है। इसके अलावा योजना से संबंधित पट्ट भी नहीं लगाया गया है।

बता दें कि भवानीपुर में फैजुल शेख के जमीन पर तालाब और काफिकुल शेख के जमीन पर डोभा निर्माण कराया जा रहा है। तालाब निर्माण की लागत करीब 04 लाख 63,000 रुपए है। योजना संख्या 11/2022-23 है। वहीं डोभा निर्माण की लागत करीब 1 लाख 68,000 रुपए है। इसके विरुद्ध 49,296 रुपए की निकासी हो चुकी है। तालाब और डोभा निर्माण में सूचना बोर्ड का नहीं लगाया जाना मनमानी को साफ दर्शाता है।

पंचायत के मुखिया, रोजगार सेवक, पंचायत सचिव की मनमानी यहीं तक सीमित नहीं है। बल्कि इन्हें मनरेगा मजदूरों की भी कोई फिक्र नहीं है। मजदूरों से काम तो लिया जा रहा है, लेकिन मजदूरों को कार्य स्थल पर कोई सुविधा नहीं दिया जा रहा है। मजदूरों के बैठने के लिए ना ही टेंट बना है और ना ही प्राथमिक उपचार की व्यवस्था है। इस तरह गरीब मजदूरों के स्वास्थ्य से भी खिलवाड़ कर रहे हैं।

वहीं बिना जॉब कार्ड धारी मजदूरों से काम लिए जाने की भी सूचना मिली है। मास्टर रोल में फर्जी हस्ताक्षर की बातें भी कही जा रही है। हालांकि यह जांच का विषय है।

सूत्रों का दावा है कि मास्टर रोल में किए गए हस्ताक्षर फर्जी हो सकते है। अगर जांच कराई जाए तो इसका पर्दाफाश हो सकता है। इस तरह मनरेगा योजना में मुखिया, पंचायत सचिव और रोजगार सेवक बिचौलिए से मिलकर नियमों को ठेंगा दिखा रहे हैं। जिसकी जांच कर कार्रवाई की जरूरत है। ताकि मनरेगा जैसे महत्वाकांक्षी योजनाओं में ऐसी गड़बड़ियों को अंजाम देने की दुस्साहस नहीं करें। अन्य जगहों पर भी मनरेगा योजना में इस तरह की मनमानी की जा रही है।

इधर मुखिया से संपर्क नहीं हो पाया। जिस वजह से उनका पक्ष रखा नहीं जा सका।

वहीं रोजगार सेवक शाहजहां शेख ने कहा कि मजदूरों के लिए तिरपाल टांगा गया था। वहीं बोर्ड भी लगा दिया जाएगा। पंचायत सचिव जगजीत कुमार ने कहा कि मेरी ड्यूटी कुसमाफाटक चेकपोस्ट में लगाया गया है। जिस वजह से योजना देख भी नहीं पाया हूं। फिर भी जो कमी है, उसे दूर किया जाएगा।

डीडीसी डॉ. शाहिद अख्तर ने कहा कि मनरेगा योजना में नियमों को फॉलो करना है। अगर नियमों की अनदेखी की जा रही है, तो गलत है। इसकी जांच कर कार्रवाई करेंगे।

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