समाचार चक्र संवाददाता
पाकुड़ । इंडियन प्रीमियम लीग (IPL 2023) का 16 वां सीजन शुरू हो चुका है। क्रिकेट लीग के शुरू होते ही पाकुड़ में सट्टा बाजार गर्म हो चुका है। पिछले 31 मार्च से अबतक 20 से 25 करोड़ से अधिक का सट्टा बाजार में लग चुका है। आईपीएल में पैसा डबल करने का लालच दिखाकर सटोरियों ने लोगों को ठगने की बिसात जमा ली है। शहर के जाने माने सटोरियों ने अपने मजबूत नेटवर्क के माध्यम से करोड़ों का हेरा फेरी शुरू कर दिया है।
वहीं, पुलिस ने भी सटोरियों पर शिकंजा कसने का टेक्निकल सर्विलांस अलर्ट कर दिया है। पुलिस अब खाईवाल और सटोरियों की सूची तैयार कर ली है। शहर में पूर्व में हुई कार्रवाई और उस कार्रवाई में उजागर होने वाले नामों का खाका तैयार किया गया है। सूत्रों के माने तो सटोरियों के आका पाकुड़ शहर के हैं जो पूरी नेटवर्क बनाकर काम कर रहे हैं।
जानकार यह भी बताते हैं कि सटोरियों के आका पाकुड़ शहर के सफेदपोश की गिनती में आते हैं और बचने के लिए पुलिस अधिकारियों से अच्छे सम्बन्ध भी बनाये हुए हैं। आईपीएल सीजन के हर एक मैच में टॉस से लेकर बैटिंग, बालिंग, चौके-छक्के, यहां तक कि हर एक रन पर भी दांव लगाए जा रहें है। हालांकि पुलिस ने शहर के कई अलग-अलग इलाकों को भी चिन्हित कर लिया है। जहां वे अपने मुखबिरों को सक्रिय कर रही है। सट्टे के काले कारोबार में शामिल पुराने लोगों की तलाश की जा रही है, ताकि पुराने खाईवाल शहर में या दूसरे जिले से कारोबार संचालित कर रहे हैं।
दांव लगाने आईडी पासवर्ड का चल रहा खेल
पुलिस की तमाम कार्रवाई से बचने खाईवाल भी नए-नए तरीके लेकर आ रहें है। सटोरिए अब महफूज जगह पर बैठ इनकमिंग दाव से हटकर आईडी का चलन शुरू कर दिए हैं। आईपीएल मैच में दांव लगाने अलग-अलग नामों की करीबन 50 से अधिक आईडी संचालित की जा रही है, जिसका पूरा कनेक्शन बड़े शहरों से होता है। यहां जमा पैसों के हिसाब से आईडी पासवर्ड बना दिया जाता है। बड़े-बड़े शहरों में बैठे कई बुकी छोटे-छोटे कस्बों में अपनी लाइनें देते हैं, और ये लाइनें अपनी विशेष आईडी पासवर्ड से खुलती है। बड़े शहरों से ये क्रम छोटे शहरों और कस्बों में और छोटे कस्बों से आम सट्टेबाजों तक लाइन बाई लाइन ये धंधा संचालित हो रहा है।
पाकुड़ जिला में कहाँ-कहाँ चलता है सट्टा का कारोबार
जानकर बताते हैं कि सट्टेबाजों का मुख्य केंद्र पाकुड़ शहर है। यहां से मुफ्फसिल थाना क्षेत्र के संग्रामपुर, रानीपुर, रहसपुर, नवादा, चांचकी, अंजना, चांदपुर, गंधईपुर, इलामी, तारानगर, सीतापहाड़ी, चेंगाडांगा बताया जा रहा है। इसके अलावे हिरणपुर, लिट्टीपाड़ा, पाकुड़िया, अमड़ापाड़ा एवं महेशपुर मुख्यालय सहित ग्रामीण क्षेत्र में भी यह धंधा शुरू हो गया है। शहर में बैठे आका वर्तमान में बंद घरों से काम रहे हैं। कम समय में करोड़पति बनने के सपनों ने युवाओं को दल दल में झोंक दिया है। इनके आका बड़े-बड़े आलीशान घर और चमचमाती कार के शौकीन है। इनके कार्य गोपनीय ढंग से चल रहा है। इन्हें न पुलिस का ख़ौफ़ है और न ही प्रशासन की खौफ। अब देखना होगा पाकुड़ पुलिस ऐसे करोड़पति सटोरियों तक कब पहुंचती है।