मुम्बई-महाराष्ट्र में पत्रकार सुरक्षा कानून लागू कराने के सामूहिक संकल्प के साथ सोमवार को देश की आर्थिक राजधानी मुम्बई के फ्लैगस बैंक्वेट लोखंडवाला कम्प्लेक्स अंधेरी वेस्ट के सभागार में अखिल भारतीय पत्रकार सुरक्षा समिति का एक दिवसीय अधिवेशन सह राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक सम्पन्न हो गई।
सामूहिक राष्ट्रगान के पश्चात अतिथियों द्वारा विधिवत दीप प्रज्वजीत कर अधिवेशन का आगाज किया गया।
समारोह को सम्बोधित करते हुए समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष जिग्नेश कलावाडिया ने देश के पत्रकारों के वर्तमान हालात की चर्चा करते हुए कहा कि पिछले पांच वर्षों में देश के पत्रकारों की हत्या तथा उनपर जानलेवा हमले की घटनाओं में इजाफा हुआ है।
उन्होंने कहा कि पत्रकारिता का स्वतंत्र अस्तित्व स्थापित किये बगैर लोकतंत्र को मजबूत नही किया जा सकता। उन्होंने केन्द्र की नरेन्द्र मोदी सरकार से प्रिन्ट, इलेक्ट्रॉनिक व वेब पोर्टल से जुड़े देश के पत्रकारों की आर्थिक सामाजिक एवम शारीरिक सुरक्षा की गारंटी के लिए राष्ट्रहित में तत्काल कानून बनाने की मांग की।
विशिष्ट अतिथि के रूप में मौजूद सांसद गोपाल शेट्टी, पूर्व कैबिनेट मंत्री सह वर्तमान एमएलसी महादेव जानकर, विधायक सुनील प्रभु, पूर्व विधायक अतुल भात खलकर, नगर निगम आयुक्त दिलीप ढोले, अपर आयुक्त सुजीता दिलीप ढोले, संगीता धायगुडे पूर्व मनपा आयुक्त, महाराष्ट्र संस्थापक और अध्यक्ष वेलफेयर फाउंडेशन संगीता धान गुडे, राष्ट्रीय कार्यकारिणी अध्यक्ष प्रधानमंत्री आत्मनिर्भर भारत राम कुमार पाल, कार्यकारी संपादक हमरा महानगर आदित्य दुबे, निवासी सम्पादक दोपहर का सामना अनिल तिवारी, जिलाध्यक्ष नगर सेवक महानगर अजित राव राने, नारी सम्मान संगठन अध्यक्ष सुंदरी ठाकुर, भारतीय जनहित सेवा समिति अध्यक्ष उज्ज्वला विश्वकर्मा, बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओ अध्यक्ष अजय दुबे तथा ताराबाद चैरिटेबल ट्रस्ट अध्यक्ष धर्मेश जोशी ने पत्रकारों की मांगों का पुरजोर समर्थन करते हुए संसद तथा विधानसभाओं से पत्रकार सुरक्षा कानून लागू कराने में संसद से सड़क तक समर्थन का आश्वासन दिया।
शिवसेना के विधायक सुनील प्रभु ने पत्रकार सुरक्षा कानून के प्रस्ताव को अगले विधानसभा सत्र में पुरजोर तरीके से उठाने की घोषणा की। एबीपीएसएस के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राकेश प्रताप सिंह परिहार तथा छतीसगढ़ के प्रदेश अध्यक्ष गोविंद शर्मा ने छतीसगढ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा अगले बजट सत्र में प्रदेश में पत्रकार सुरक्षा कानून लागू करने की घोषणा का स्वागत करते हुए इसे एबीपीएसएस के अनवरत संघर्ष का प्रतिफल बताया।
बिहार एबीपीएसएस के प्रदेश संयोजक मनोज कुमार सिंह ने अपने सम्बोधन में केन्द्र सरकार से पत्रकारिता का मापदण्ड निर्धारित करने के अलावा पत्रकारों से संविधान प्रदत अपने अधिकारों की मांग करने एवम ईमानदारी पूर्वक राष्ट्रहित में अपने दायित्व के निर्वहन की अपील की।
उन्होंने पिछले दिनों बिहार के सारण जिले में मारपीट की एक चर्चित घटना के सिलसिले में चार दिनों तक सोशल साइट्स को बन्द किये जाने तथा मारपीट में शामिल दोनों पक्षों को उकसाने वाली खबर चलाने का कथित तौर पर हवाला देकर वेब पोर्टल से जुड़े 37 पत्रकारों पर जिला प्रशासन द्वारा किये गए मुकदमों को बिहार सरकार से वापस लेने की मांग की।
झारखंड से एबीपीएसएस प्रदेश सचिव सह राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य मक़सूद आलम ने झारखंड में पत्रकारों पर हो रहे शोषण और झूठे मुकदमों पर चर्चा की। इस संबंध में एक डेलीगेट झारखंड के मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन और डीजीपी से मिलकर वस्तु स्थिति से अवगत कराने का निर्णय लिया।
इससे पहले महाराष्ट्र एबीपीएसएस के प्रदेश संरक्षक सह हाजी अली दरगाह के ट्रस्टी सोहैल खण्डवानी तथा राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सह मुम्बई हलचल के डायरेक्टर दिलशाद अहमद खान,अजमेर ख्वाजा दरगाह के ट्रस्टी जावेद माजिद पारेख ने आगत अतिथियों को अंगवस्त्र व मोमेंटो आदि प्रदान कर सम्मानित किया।
अधिवेशन को अविनाश भाऊ काकड़े, सर्वेश तिवारी, आशा यादव, जीतू भाई, अजय सिंह परमार, सम्राट बोध, अमन कुमार, संजय गोयल, सुजल मिश्रा, बाबूलाल चौधर तथा संतोष तिवारी आदि ने भी सम्बोधित किया।
मंच का संचालन महफूज खान तथा धन्यवाद ज्ञापन मनोज कुमार सिंह ने किया।