समाचार चक्र संवाददाता
पाकुड़– निजी संस्थान के देखरेख में संचालित एक पोल्ट्री फॉर्म में एक साथ तकरीबन डेढ़ सौ मुर्गियों के मौत का मामला सामने आया है। यह मामला झिकरहटी पूर्वी पंचायत के कांकरबोना गांव का है। जिसमें निजी संस्थान के कर्मियों पर लापरवाही का आरोप लगाया जा रहा है। पंचायत के पूर्व मुखिया रफीजुद्दीन शेख ने बताया कि उन्होंने शालीमार नामक प्राइवेट कंपनी से पोल्ट्री फॉर्म चलाने का एग्रीमेंट किया था। कंपनी ने उन्हें मुर्गी का चूजा और खाने का सामान मुहैया कराया। फार्म की देखरेख का जिम्मा कंपनी को है। कंपनी के सुपरवाइजर और अन्य कर्मियों को नियमित मॉनिटरिंग करना है। फॉर्म में आकर चूजा को आहार और दवा देना है। पूर्व मुखिया ने बताया कि 10-12 दिन पहले ही मुर्गियों को खाने के लिए सामान दिया गया। इसके बाद अचानक से मुर्गियों का मरना शुरू हो गया। तकरीबन डेढ़ सौ मुर्गी मर चुका है। जिसमें विलंब होने से कीड़े लगने का भी खतरा उत्पन्न हो गया है। मुर्गियों से दुर्गंध भी निकलना शुरू हो गया है। लेकिन कंपनी के कर्मियों को सूचना देने के बाद भी नहीं आ रहे हैं। पूर्व मुखिया रफीजुद्दीन शेख ने कहा कि मैं कंपनी के कर्मियों के रवैए से काफी परेशान हूं। मुझे कंपनी के कर्मियों के कहे अनुसार सुविधा नहीं मिल रहा है। इतनी संख्या में मुर्गियां मरी हुई है। लेकिन अभी तक कर्मियों का कोई अता पता नहीं है। उन्होंने बताया कि हरिणडंगा हाई स्कूल के पास कंपनी के कार्यालय में कई बार गया। लेकिन कार्यालय में कोई भी स्टाफ मौजूद नहीं था। मैं हैरान-परेशान घर लौट आया। ऐसी परिस्थिति में क्या करूं, कुछ भी समझ नहीं आ रहा है। एक तरफ मुर्गियां मर रही है। दूसरी और बीमारी फैलने की भी आशंका बढ़ रही है। उन्होंने पशुपालन विभाग से मदद की मांग की है।
बर्ड फ्लू का खतरा
झारखंड में पिछले कुछ दिनों से बर्ड फ्लू को लेकर सरकार एवं संबंधित विभाग अलर्ट पर हैं। बोकारो जिले में बर्ड फ्लू के मामले सामने आने के बाद सरकार एवं स्वास्थ्य विभाग चौकस है। ऐसे में कांकरबोना गांव का यह मामला चिंताजनक है।
डीएचओ ने कहा
जिला पशुपालन पदाधिकारी कमलेश कुमार भारती ने कहा कि मरे हुए मुर्गियों में से दो मुर्गियों का पोस्टमार्टम कराना होगा। मुर्गियों का ब्लड सैंपल रांची लैब भेजा जाएगा। ताकि किस बीमारी से मौत हुई है, इसका पता चल सके। रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।