अबुल काशिम@समाचार चक्र
पाकुड़। आजादी के जश्न में डूबे जिले वासियों का सीना उस समय गर्व से ऊंचा हो गया, जब 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस पर पाकुड़ के लाल श्रीपत कुमार मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के हाथों राष्ट्रपति पुलिस पदक से अलंकृत हो रहे थे। मुख्यमंत्री ने एएसआई श्रीपत कुमार को यह सम्मान पुलिस विभाग में उनकी वीरता और उत्कृष्ट कार्यो के लिए प्रदान किया। मुख्यमंत्री ने रांची के मोरहाबादी मैदान में स्वतंत्रता दिवस पर आयोजित समारोह में कई पुलिस अधिकारी को वीरता के लिए पुलिस पदक और सेवा पदक से सम्मानित किया। जिसमें एएसआई श्रीपत कुमार भी शामिल थे। कैलाश नगर (मालगोदाम रोड) के रहने वाले श्रीपत कुमार की वीरता और उत्कृष्ट सेवा का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि उन्हें वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा कई बार पुरस्कृत किया जा चुका है। अपने कार्य कुशलता से वरीय अधिकारियों का हमेशा ध्यान आकृष्ट कराया है। इनामी माओवादी को पकड़ने से लेकर लोकसभा व विधानसभा चुनाव और कोविड-19 महामारी के दौरान श्रीपत कुमार अपनी वीरता और कार्यकुशलता का परिचय दे चुके है। एक कांस्टेबल के रूप में साल 2003 में सेवा शुरू करने वाले श्रीपत कुमार वर्तमान में चाईबासा में बतौर एएसआई पदास्थापित है। पुलिस अधीक्षक के कार्यालय में सेवा दे रहे हैं। यहां श्रीपत कुमार 5 लाख के इनामी खूंखार माओवादी सब जोनल कमांडर बीरबल उर्फ पंचू मुर्मू उर्फ सुखदेव मुर्मू को पकड़ने वाली टीम का प्रमुख हिस्सा थे। इस वीरता के लिए उन्हें व्यक्तिगत रूप से 50 हजार का नगद पुरस्कार राशि भी दिया गया था। वहीं पिछले साल 2022 में भी गणतंत्र दिवस के अवसर पर सराहनीय सेवा के लिए राष्ट्रपति पुलिस पदक से भी नवाजे गए थे।अधिकारियों, सह कर्मियों और आम लोगों के बीच श्रीपत कुमार सौहार्दपूर्ण व्यवहार के लिए जाने जाते हैं। अनुशासनप्रिय और मेहनती एएसआई श्रीपत कुमार अधिकारियों के लिए भरोसेमंद पुलिस अधिकारियों में से हैं। इधर श्रीपत कुमार को राष्ट्रपति पुलिस पदक से सम्मानित किए जाने से पाकुड़ वासियों में खुशी का माहौल है। एएसआई श्रीपत कुमार को शुभकामनाएं दी जा रही है।
अपने समय के बेहतरीन क्रिकेटर रहे हैं श्रीपत कुमार
एएसआई श्रीपत कुमार अपने समय के एक बेहतरीन क्रिकेटर भी थे। पाकुड़ क्रिकेट को पहचान दिलाने वाले खिलाड़ियों की टीम का अहम हिस्सा रहे है। क्रिकेट प्रेमियों में जितनी चर्चा उनकी लंबी कद-काठी के लिए होती थी, उतनी ही चर्चा मैदान में प्रदर्शन के लिए होता था। ऑलराउंडर के रूप में कई वर्षों तक पाकुड़ क्रिकेट में उन्होंने सेवा दिया।