समाचार चक्र संवाददाता
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पाकुड़। पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिला को जोड़ने वाली एकमात्र पाकुड़-राजग्राम मुख्य सड़क पत्थर कारोबारियों के कारण धवस्त हो चूका है। विशेषकर पीपलजोड़ी मोड़ से चेंगाडांगा मोड़ तक बड़े बड़े गड्ढे हो गए है। इस सड़क से होकर गुजरना किसी चुनौती से कम नहीं है। पैदल चलने वाले राहगीर भी गिरकर चोटिल हो रहे हैं। हालत इतनी बदतर हो चुकी है कि इसका सीधा असर अब बच्चों की पढ़ाई पर भी पड़ने लगा है। नगरनवी हाई स्कूल में आसपास के गांवों से सैंकड़ों बच्चे पढ़ने आते हैं। अब यह सड़क इन बच्चों के लिए जान का खतरा बन गया है। इस रास्ते दिनभर चलने वाली बड़ी-बड़ी गाड़ियां बच्चों के लिए काल बन सकता है। दुर्घटना का शिकार बनने का खतरा मंडराता नजर आ रहा है। इस सड़क की हालतों का अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि पाकुड़ शहर से जाने वाली स्कूल बसें भी बंद की जा रही है। बच्चों को ले जाने के लिए मना कर दिया है। क्यूंकि कब बच्चों से भरी बसें दुर्घटना का शिकार हो जाए, कहना मुश्किल है। इधर चेंगाडांगा, नसीपुर, पीपलजोड़ी सहीत सैंकड़ों ग्रामीणों ने सड़क मरम्मती कराने की मांग को लेकर उपायुक्त मनीष कुमार को आवेदन दिया है।
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पाकुड़ से जाने वाले प्राइवेट स्कूल बसें बच्चों को ले जाने से मना किया…
पाकुड़ शहर से प्राइवेट स्कूल की बसें मालपहाड़ी थाना क्षेत्र के चेंगाडांगा, नसीपुर, पीपलजोड़ी, सीतापहाड़ी आदि प्रतिदिन जाया करती थी। लेकिन सड़क गड्ढानुमा बन जाने से अब बसें भी बच्चों को लाने के लिए मना कर रहा है। हालांकि बच्चों के अभिभावकों के द्वारा बार-बार आग्रह करने पर थोड़ी दुरी तक जाने के लिए तैयार हो हुए है। परंतु कब स्कूल बस बंद हो जाए, कुछ भी कहना मुश्किल है। बहरहाल ग्रामीणों ने खुलेआम अब चेतावनी दे रहे है कि अगर सड़क मरम्मती नहीं की गई तो पाकुड़-राजग्राम सड़क को अवरुद्ध कर दिया जायेगा। बच्चे सड़क पर बैठकर पढ़ाई करेंगे। जिसकी सारी जावबदेही प्रशासन की होगी।
मालपहाड़ी का स्टोन चिप्स भेजा जाता है बांग्लादेश, लेकिन यहां की सड़क पर नहीं है ध्यान—-
पाकुड़-राजग्राम सड़क को स्पइका कंस्ट्रक्शन कंपनी ने निर्माण किया था। लोगों का कहना था कि उक्त सड़क के निर्माण में गुणवत्ता का खास ध्यान रखा गया था। परंतु पीपलजोड़ी मोड़ से चेंगाडांगा तक सड़क किनारे स्टोन माइंस और क्रेशर में ओवरलोड होने वाले ट्रक के कारण सड़क पूरी तरह गड्ढा में तब्दील हो गया। इसकी जांच न तो जिला टास्क फोर्स की टीम कभी करती देखी गई और न ही पीडब्लूडी विभाग के अभियंताओं ने सुधी ली। हालांकि हर महीने जिला टास्क फोर्स की बैठक होती है। दिशा निर्देश दिए भी जाते है। बावजूद मालपहाड़ी क्षेत्र में अवैध स्टोन क्रेशर, अवैध माइंस, लीज से हटकर स्टोन खोदने वाले लेसी, ओवरलोडिंग ट्रकों पर कार्रवाई नहीं होती है। जबकि मालपहाड़ी थाना क्षेत्र अवैध पत्थर उतखनन और परिवहन करने वालों का सेफ जोन बना हुआ है। अगर प्रशासन की छोड़ दें सिर्फ पत्थर कारोबारी अगर चाह ले तो चलने लायक सड़क बनाया जा सकता है। लेकिन पत्थर माफियाओं को ग्रामीणों और स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के भविष्य या जान-माल से कोई लेना देना नहीं है। उन्हें सिर्फ यहां के पत्थर को लुटकर अपनी झोली भरना है।
ग्रामीणों ने दिए आवेदन पर क्या लिखा है…..
आवेदन में ग्रामीणों ने मांग किया है कि पीपलजोड़ी मोड़ से चेंगाडांगा मोड़ मुख्य सड़क को यथाशीघ्र मरम्मती कराया जाए या वैकल्पिक व्यवस्था करते हुए सुरक्षित आवागमन की व्यवस्था कराई जाए। पत्थर खनन और क्रेशर वाहनों की नियमित जांच करते हुए ओवरलोडिंग पर शीघ्र रोक लगाई जाए। जनप्रतिनिधियों एवं ग्रामीणों के साथ बैठकर स्थाई समाधान निकाला जाए।
