कृपा सिंधु बच्चन@समाचार चक्र
पाकुड़। जिला परिवहन एवं नगर परिषद के संयुक्त तत्वावधान में शनिवार को कोर्ट के पास सड़क किनारे से बाइकों को जप्त किया गया। प्रशासन ने यह कार्रवाई नो पार्किंग जोन में अवैध तरीके से खड़ी कर रखी दोपहिया वाहनों पर की। चूंकि यह कार्रवाई नगर परिषद के पास कोर्ट कैंपस के आस-पास मुख्य सड़क पर हुई, तो ऐसे में अधिवक्ताओं में एक असंतोष देखा गया। उनकी असंतोष भी यकीनन वाजिब था। उनका कहना था कि अगर कार्रवाई नियमित हो, तो लोगों की गलत जगह पार्किंग की बिगड़ी आदत पर स्वयं अंकुश लग जायेगा। लेकिन अचानक कभी कभी कार्रवाई से सभी को अवांक्षित परेशानी होती है। यह बात सच है कि नगर की बढ़ती आबादी और एक मात्र मुख्य सड़क पर जहां तहां गाड़ियों की पार्किंग से जाम की समस्या होती है। ऐसा नहीं है कि पार्किंग की व्यवस्था नगर परिषद ने नहीं की है, लेकिन बेतरतीब दोपहियों की पार्किंग से जाम की समस्या ने एक लाइलाज बीमारी का रूप ले लिया है। अब सवाल उठता है कि क्या सिर्फ दोपहियों पर किसी खास जगह पर कार्रवाई से जाम से निपटा जा सकता है।हांलांकि प्रशासन के विभिन्न विभाग समय समय पर वाहन जांच आदि कर लोगों को ट्रैफिक नियमों की जानकारी देती है। अगर देखा जाय तो टोटो की बाढ़ और जहां तहां अचानक रोकने से दुर्घटना और जाम की स्थिति पैदा करने में विशेष योगदान देता है। कार्रवाई भी होती है, लेकिन हम नहीं सुधरेंगे का नारा टोटो चालकों ने बुलंद कर रखा है। दोपहियों ने भी इसमें अपना रुख वैसा ही रखा है।प्रशासन की कार्रवाई से ज्यादा जरूरी है लोगों का जागरूक होना। अगर आम जनता नियमों का पालन करें तो शायद प्रशासन को कार्रवाई करने की नौबत ही न आए। विरोध के स्वरों के बीच प्रशासन ने भी लगातार ऐसी कार्रवाई की बात कही है। लेकिन कभी कभी नो इंट्री को धता बताने वाले वाहनों पर भी कार्रवाई जरूरी है। इसमें कोई शक नहीं कि आम लोगों की जागरूकता के साथ प्रशासन को भी बहुत सारी अन्य बातें हैं, जिनपर नजर रखनी होगी। खैर जो भी हो, प्रशासन की कार्रवाई और जुर्माने ने लोगों में एक संदेश जरूर दिया है कि अब गाड़ियों की पार्किंग सही जगह करे।
