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समाचार चक्र संवाददाता
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पाकुड़-भारतीय स्टेट बैंक सुप्रीम कोर्ट के उस निर्देश का पालन करने में विफल रहा है,जिसमें चुनावी बांड को असंवैधानिक घोषित करते हुए 6 मार्च तक उसे चुनाव आयोग को चुनावी बांड का विवरण उपलब्ध कराने के लिए कहा गया था।इस फैसले में एस बी आई को उक्त जानकारी देने के लिए तीन सप्ताह का समय दिया गया था.देश की सर्वोच्च अदालत के आदेश का पालन करने के बजाय, 6 मार्च की समय सीमा की पूर्व संध्या पर, एस बी आई ने सुप्रीम कोर्ट से 116 दिन का समय मांगते हुए,30 जून तक उक्त विवरण जमा करने के लिए आवेदन दिया है.यह स्पष्ट रूप से चुनाव खत्म होने तक चुनावी बांड के विवरण को सार्वजनिक न करने की एक सुनियोजित चाल है।यह अविश्वसनीय है कि एस.बी.आई, जिसका परिचालन पूरी तरह से डिजिटल है, निर्धारित समय सीमा के अंदर चुनावी बांड के सभी प्रासंगिक विवरण एकत्रित नहीं कर सकता है।
जाहिर है कि मोदी सरकार के दबाव के कारण ही एसबीआई ने यह रुख अपनाने की हिम्मत की है और यह अदालत के आदेश की अवमानना के अलावा और कुछ नहीं है।सुप्रीम कोर्ट को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि एस.बी.आई चुनावी बांड के सभी विवरण तुरंत प्रस्तुत करे और साथ ही भारत के चुनाव आयोग को भी पूरे प्रकरण को अपने संज्ञान में लेना चाहिए।भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) झारखंड राज्य कमिटी अपनी सभी पार्टी इकाइयों से इस मांग को लेकर आगामी 13 मार्च को एसबीआई की स्थानीय शाखाओं के सामने विरोध प्रदर्शन आयोजित करने का आह्वान करता है.उपरोक्त जानकारी सीपीआई (एम) के झारखण्ड राज्य सचिव प्रकाश विपल्व ने दी है.
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