अमड़ापाड़ा। जन सरोकार से वास्ता रखने वाले वरिष्ठ नागरिक सह स्थानीय समाजसेवी नरेश कांत साह विभिन्न लंबित मांगों को ले दुर्गा मंदिर के सामने पुनः धरने पर बैठ गए हैं। सोमवार को उनके धरने का तीसरा दिन है। उनकी नाराजगी प्रशासन, क्षेत्रीय सांसद, विधायक और संबद्ध विभाग से है। उनके मुख्य मांगों में अमड़ापाड़ा में बंद पड़े वाटर प्लांट को चालू करने, बाजार स्थित खाली पड़े पहले के पीएचसी भवन में प्राथमिक चिकित्सा हेतु एक चिकित्सक और नर्स बहाल करने, मनोरंजन स्थल प्रकृति विहार को टूरिज्म स्पॉट के रूप में विकसित करने, कोल परियोजना क्षेत्र के बेरोजगार युवकों को रोजगार मुहैया कराने, दुमका-पाकुड़ को रेलवे लाइन से जोड़ने के डिमांड शामिल हैं। श्री साह ने बताया कि मैं उपरोक्त मांगों के परिप्रेक्ष्य में पिछले दो-चार वर्षों के दौरान कई दफा धरना प्रदर्शन और अनशन कर चुका हूं। प्रशासन से हमेशा ज्ञापन और पत्र के जरिए जन समस्या के निदान का गुहार लगाता रहा हूं। किन्तु, समस्या का निदान नहीं हो पाया है। मैं व्यवस्था के अड़ियल रवैए से आहत हूं। जिला अथवा स्थानीय प्रशासन को जनहित की इन समस्याओं के प्रति संवेदनशील होना चाहिए।
करो या मरो की तर्ज पर जारी रखूंगा धरना और अनशन
समाजसेवी ने कहा कि इस दफा जो हो। करो या मरो की तर्ज पर मेरा कार्यक्रम जारी रहेगा। जनहित में मूलभूत सुविधाओं की मांग मेरा अधिकार है। यहां तक कह डाला कि जन समस्याओं का निदान नहीं हुआ तो अंततः मजबूरन आत्मदाह से भी पीछे नहीं हटूंगा। मेरे इस कृत्य की संपूर्ण जवाबदेही प्रशासन की होगी।