अबुल काशिम@प्रभात मंत्र
पाकुड़। सदर प्रखंड अंतर्गत नरोत्तमपुर गांव की बहु और लोहरदगा की बेटी रानी तरन्नुम ने चार्टर्ड अकाउंटेंट बनने का सपना पूरा कर लिया है। तरन्नुम साल 2014 में इंटर कॉमर्स की स्टेट टॉपर छात्रा रही है। इंटर कॉमर्स में सफलता हासिल करने के बाद तरन्नुम ने चार्टर्ड अकाउंटेंट बनने का सपना देखा था। आज वो सपना पूरा हो गया है। परिवार की ओर से मिले हर तरह के सपोर्ट ने तरन्नुम को मंजिल तक पहुंचा दिया है। आज वह बेहद खुश हैं और यह खुशी मायके और ससुराल वालों के साथ साझा करने में गौरवान्वित महसूस कर रही है। तरन्नुम ने कहा कि मेरी सफलता में पति मो. मंजार और ससुराल वालों का सहयोग हमेशा याद रहेगा। मुझे बचपन से ही पढ़ाई के लिए मायके में जो हौंसला मिला, वो हमेशा मुझे गौरांवित करेगा। मैं दोनों परिवार के सपोर्ट को कभी भूला नहीं पाऊंगी। मेरे पति मो. मंजार ने मुझे काफी ज्यादा प्रोत्साहित किया है। मैं और मेरे पति दोनों चार्टर्ड अकाउंटेंट (सीए) की तैयारी कर रहे थे। पति का फाइनल एग्जाम बस एक साल बाकी रह गया है। मैं जब इंटर की पढ़ाई कर रही थी, तब मेरे लिए रास्ता आसान नहीं था। मायके वालों के सपोर्ट के दम पर इंटर कॉमर्स में सफलता पाई और स्टेट टॉपर बनी।
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ऐसे शुरू हुआ सफर
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रानी तरन्नुम का जन्म लोहरदगा स्थित कुडू प्रखंड के चिरी नवाटोली गांव में एक गरीब परिवार में हुई। पिता जाकिर हुसैन शिक्षक प्रशिक्षण महाविद्यालय चिरी में चतुर्थ वर्गीय कर्मचारी के पद पर कार्यरत थे। मां रिजवाना बेगम गृहिणी थी। तरन्नुम के चार भाई और तीन बहनें हैं। गरीबी में जुझने के बाद भी तरन्नुम ने हौंसला नहीं हारी। लक्ष्य निर्धारित कर आगे बढ़ती गई। माता-पिता से लेकर भाई और बहनों का भरपूर सपोर्ट मिला। कड़ी मेहनत कर खुद को स्थापित किया। तरन्नुम सिमडेगा में रह रहे अपने दादा को भी भला कैसे भूला सकती है, जिनके यहां रहकर शुरुआती पढ़ाई पूरी की। उसने आगे की पढ़ाई के लिए रांची उर्सुलाइन इंटर कॉलेज में एडमिशन लिया। उर्सुलाइन इंटर कॉलेज से कॉमर्स में 83.6 फीसदी अंक लाकर स्टेट टॉपर बनने का गौरव हासिल किया। तरन्नुम रांची लॉज में रहकर ही पढ़ाई कर रही थी।
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दो साल पहले ही विवाह बंधन में बंधी तरन्नुम
अपने सपनों को साकार करने वाली चार्टर्ड अकाउंटेंट रानी तरन्नुम दो साल पहले ही विवाह बंधन में बंधी। सदर प्रखंड के नरोत्तमपुर गांव के मैनूल हक के पुत्र मो. मंजार संग शादी हुई। दोनों से एक पुत्र मो. शमी भी है। शादी के बाद भी सीए की तैयारी में जुटी रही। तरन्नुम चार्टर्ड अकाउंटेंट बनने के बाद अब पति के चार्टर्ड अकाउंटेंट बनने का सपना पूरा होते देखना चाहती है। पति मो. मंजर की मंजिल भी करीब है।