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Maqsood Alam
(News Head)

कोटालपोखर के पत्थर माफियाओ में हड़कंप, बिना माइनिंग चालान के स्टोन चिप्स लदे वाहनों के परिचालन के समय में परिवर्तन

रात्रि दो बजे से सुबह छह बजे तक पार कराया जा रहा स्टोन चिप्स लदे ट्रक,चेकनाका में ड्यूटी के लिए लगा रहे पैरवी..

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Gunjan Saha
(Desk Head)

समाचार चक्र डेस्क

कोटालपोखर। कहते है मै पैसा हूं, मै नमक की तरह हूं, जो जरुरी तो है, मगर जरूरत से ज्यादा हो जाए, तो जिंदगी का स्वाद बिगाड़ देता है। कुछ ऐसा ही नजारा कोटालपोखर थाना क्षेत्र के पत्थर माफियाओं, अवैध कार्य में संलिप्त पासिंग गिरोह पर देखने को मिल रहा है। अपने लोकप्रिय अखबार में खबर प्रकाशित होने के बाद अवैध कार्यों में संलिप्त पत्थर माफियाओं में हड़कंप देखा जा रहा है। वहीं सूत्रों की मानें तो कोटालपोखर में नो एंट्री खुलने का समय रात्रि नौ बजे से सुबह छह बजे तक का है। पत्थर माफिया और ट्रक मालिक नो एंट्री खुलने के तुरंत बाद से ही बिना माइनिंग चालान के गाड़ी पार कराने का काम शुरू कर देते हैँ। लेकिन खबर प्रकाशित के बाद से रात्रि दो-तीन बजे से सुबह छह बजे तक पार कराया जा रहा है। इसके एवज में मोटी रकम की वसूली भी की जा रही है। जिला प्रशासन के निर्देश पर माइनिंग चोरी को रोकने के लिए कोटालपोखर थाना क्षेत्र में तीन चेक पोस्ट स्थापित किये गए है। एक चेकपोस्ट चौड़ामोड़ जो हिरनपुर थाना क्षेत्र से सटे है। जबकि दो चेकपोस्ट जीवनपुर और रहीमतांड चेकपोस्ट पश्चिम बंगाल के फरक्का थाना क्षेत्र से सटा है। अधिकतर स्टोन हिरणपुर थाना क्षेत्र से होकर चौड़ामोड़ चेकपोस्ट को टच करते हुए गुजरती है। जबकि बंगाल जाने के लिए अलग-अलग दो रास्ते है। एक रास्ता जीवनपुर चेक पोस्ट होकर और दूसरा रास्ता रहीमतांड़ होकर गुजरती है। लेकिन सवाल है कि क्या चौड़ामोड़ चेकनाका पर सभी ट्रकों का एंट्री दिखाया जाता है? क्या रहीम तांड़ और जीवनपुर चेकनाका पर सभी ट्रकों का एंट्री दिखाया जाता है? सूत्रों की मानें तो प्रतिदिन चेकनाका कर्मी और स्थानीय पुलिस कर्मियों की मिलीभगत से प्रतिदिन सरकार को लाखों रूपए के राजस्व की हानि पहुंचाई जा रही है। सूत्रों की माने तो तीनों चेकनाका कर्मियों की मिलीभगत से लूट का खेल हो रहा है। वहीं चौरा मोड़ पर तैनात कर्मी दोनों चेकनाका जीवनपुर और रहीम तांड़ चेकनाका कर्मी से वार्ता कर ही ट्रकों की एंट्री दिखाई जाती है।

पाकुड़ के माइनिंग से बंगाल भेज दिया जाता है ट्रक….

सूत्रों की माने तो चेकनाका कर्मियों द्वारा पाकुड़ जिले (लोकल) चालान को चौरामोड़ पर एंट्री कराकर रहीम तांड और जीवनपुर के रास्ते बंगाल भेज दिया जाता है। इस एवज में चेकनाका पर तैनात कर्मियों को मोटी रकम बतौर नजराना पेश किया जाता है। ऐसे सैंकड़ों ट्रकों के सबूत मीडिया के पास है। अगर चौड़ा मोड़ में एंट्री कराए गए चालान का मिलान ट्रकों के जीपीएस लोकेशन से कराई जाए तो दूध का दूध और पानी का पानी हो जायेगा।

रात में कार और मोटरसाईकिल से पासिंग गिरोह रहते है एक्टिव….

कोटालपोखर, चौड़ामोड़, बिजयपुर, ढांटापाड़ा, श्रीकुंड आदि गांव में रात्रि चाय दुकानें पासिंग गिरोह का अड्डा बन चूका है। गिरोह के सभी सदस्य प्रशासन के वाहनों पर नजर गड़ाए रहते है‌। जैसे ही किसी अधिकारियो की आने की भनक लगती है, पासिंग गिरोह के सदस्य एक दूसरे को सुचना दे देते है। सूत्र बतातें है कि पिछले दो दिनों से खबर प्रकाशित की सुचना पर अधिकारियों की आने की सूचना किसी के द्वारा लीक कर दी गई। इस पर ट्रक मालिकों को सुचना दी गई कि रात्रि दो बजे के बाद ही ट्रकों को बंगाल भेजा जाए और अंत में दो बजे के बाद स्टोन चिप्स लदे वाहनों को रहीम तांड़ और जीवनपुर चेकनाका होते हुए भेजा गया।

पत्रकारों को खबर छापने पर झूठे केस में फंसाने की दी जाती है धमकी….

पूर्व में अगर कोई पत्रकार द्वारा सच्ची पत्रकारिता की जाती है तो उन्हें एन केन प्रकारेन झूठी केस में फंसा दिया जाता है। सूत्रों की मानें तो झूठी केस में फंसाने के लिए महिला और पुरुष की टीम बनाई गई है। केस करने और करवाने वालों को बतौर मोटी रकम भी दी जाती है। अखबार ऐसे सिंडिकेट का भी जल्द खुलासा करेगी। कैसे खादी और खाकी दागदार हो रहे है, इसका भी खुलासा किया जाएगा। ताकि आम जनता के बीच खाकी और खादी की सच्ची तस्वीर पहुंचे।

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