समाचार चक्र संवाददाता
पाकुड़। सामाजिक कार्यकर्ता सुजीत विद्यार्थी ने हावड़ा डिवीजन के डीआरएम को पत्राचार कर पाकुड़ रेलवे को हावड़ा डिवीजन से हटाकर मालदा डिवीजन में शामिल करने की मांग की है। उन्होंने पाकुड़ रेलवे के विकास के लिए मालदा डिवीजन में शामिल करना समय की मांग और जरूरी भी बताया है। पत्र में कहा गया है कि गोड्डा रेलवे स्टेशन का निर्माण 4 से 5 साल पूर्व में ही हुआ है। इसके बावजूद गोड्डा से देश के बड़े-बड़े शहरों के लिए सीधी ट्रेनें उपलब्ध कराए गए हैं। तकरीबन 17 से 20 मेल ट्रेनों का संचालन किया जा रहा है। इसके विपरीत पाकुड़ रेलवे स्टेशन ब्रिटिश काल से बना हुआ है। पाकुड़ रेलवे स्टेशन से रेलवे को रोजाना 9 से 10 करोड़ रुपए का राजस्व प्राप्त होता है। यहां से देश-विदेशों में काला पत्थर और कोयला रेलवे के जरिए जाता है। इतनी बड़ी रकम राजस्व के रूप में मिलने के बावजूद पाकुड़ रेलवे स्टेशन को सुविधा नहीं मिलना, चिंता जनक है। पाकुड़ रेलवे को सुविधाओं के दृष्टिकोण से नजरअंदाज किया जाता है। ऐसे में पाकुड़ रेलवे को हावड़ा डिवीजन से हटाकर मालदा डिवीजन में शामिल कर देना ही समय की मांग है। उन्होंने कहा कि पाकुड़ रेलवे स्टेशन से वर्षों से बड़े शहरों तक पहुंचने के लिए सीधी ट्रेनों की मांग की जा रही है। पटना, दिल्ली, अमृतसर, नागपुर, हैदराबाद, चेन्नई, वाराणसी, कानपुर, लखनऊ, इलाहाबाद आदि शहरों में जाने के लिए पाकुड़ से कोई ट्रेन नहीं है। इसलिए पाकुड़ रेलवे को हावड़ा डिवीजन से हटाकर मालदा डिवीजन किया जाए।