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Maqsood Alam
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शिक्षक दिवस विशेष: पेंटिंग से स्कूल को रेलगाड़ी का लुक देकर राज्य में मॉडल बन चुके थे शिक्षक बद्री रविदास

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Gunjan Saha
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अबुल काशिम@समाचार चक्र
पाकुड़। अनगिनत उपलब्धियां और जिला से राज्य स्तर पर तीन-तीन बार सम्मान हासिल करने वाले शिक्षक बद्री रविदास पेंटिंग से पूरे स्कूल को रेलगाड़ी का लुक देकर राज्य में मॉडल बन चुके थे। यह पूरे राज्य और पाकुड़ जिला में पहला मौका था, जब शिक्षक बद्री रविदास ने पेंटिंग से स्कूल को ट्रेन यानी रेलगाड़ी का लुक दिया था। शिक्षक बद्री रविदास की मानें तो यूट्यूब पर साल 2018 में तमिलनाडु के एक स्कूल की पेंटिंग देखी थी। इस पेंटिंग ने उन्हें काफी प्रभावित किया और अपने विद्यालय को भी पेंटिंग से रेलगाड़ी का लुक दे डाला। इसके बाद पूरे राज्य में शिक्षक बद्री रविदास मॉडल के रूप में उभर कर सामने आए। इसके लिए मिले मान सम्मान ने उनका हौंसला इस कदर बढ़ाया कि, उन्होंने स्कूल की तस्वीर ही बदल डाली। शिक्षा के प्रति रुझान को बढ़ावा देने और बच्चों की उपस्थिति तथा ठहराव सुनिश्चित करने के लिए लगातार प्रयास में जुटे रहे। जिसका परिणाम यह है कि जिस स्कूल में बच्चों के लिए नाम मात्र की ही सुविधाएं थी, आज वहां पढ़ाई के लिए हर तरह की सुविधाएं मौजूद हैं। पिछले बारह साल से सदर प्रखंड अंतर्गत उत्क्रमित मध्य विद्यालय सुंदरापहाड़ी में प्रधान अध्यापक के रूप में सरकारी सेवा दे रहे बद्री रविदास ने स्कूल की प्रगति में जो भूमिका अदा कर रहे हैं, वो अपने आप में इतिहास ही है। अपने स्थापना काल में स्कूल की जो तस्वीरें थी, आज की तस्वीरों से शायद किसी को यकीन भी नहीं होगा। आज से 28 साल पहले 27 जनवरी 1997 को स्थापित स्कूल में जब कभी छात्र पेड़ के नीचे पढ़ाई करने को मजबूर होते थे, आज वहां पर्याप्त कमरों से लेकर हर तरह की सुविधाएं मौजूद हैं। पानी, बिजली, बाथरूम जैसी जरूरी सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं। इतना ही नहीं बागवानी, रंग बिरंगे फूलों के पौधे, किचन गार्डन, फलदार पेड़-पौधों से बच्चों को आकर्षित करने का अनोखा सफल प्रयास भी शामिल हैं। दिवालों पर ज्ञानवर्धक पेंटिंग और पेंटिंग के जरिए पूरे स्कूल को रेलगाड़ी का दिया गया लुक भी कमाल का है। इन सुविधाओं और गतिविधियों की शायद ही किसी ने कल्पना की होगी कि एक छोटे से गांव में स्थित इस स्कूल में कभी ऐसा भी बदलाव आएगा। इन सारे बदलाव का श्रेय प्रधान अध्यापक बद्री रविदास को ही जाता है। जिनके अथक प्रयास से आज स्कूल में पौने पांच सौ के आसपास छात्रों का नामांकन रहता है। जहां शुरुआती दिनों में एक सौ के आसपास ही बच्चों का नामांकन होता था। उस दौर में बच्चों की उपस्थिति भी बेहद कम रहती थी। आज के समय में शानदार उपस्थित के साथ-साथ ठहराव भी मजबूत हुआ है।

कब-कब हुए सम्मानित

प्रधान अध्यापक बद्री रविदास जिला स्तर से लेकर राज्य स्तर तक तीन-तीन बार सम्मानित हो चुके हैं। उन्होंने बताया कि साल 2019 में रांची में राज्य विद्यालय संवर्धन कार्यक्रम में बच्चों के टैलेंट को लेकर विद्यालय को सम्मानित किया गया था। जिसमें रांची की टीम ने स्कूल में आकर बच्चों के टैलेंट को नोटिस किया था। पूरे राज्य में मेरे स्कूल को दूसरा स्थान मिला था। इसके बाद साल 2022 में तत्कालीन डीसी वरुण रंजन सर ने उत्कृष्ट कार्य के लिए 5 सितंबर को शिक्षक दिवस पर मुझे सम्मानित किया था। इसी साल 2022 में ही स्वच्छ विद्यालय के लिए भी तत्कालीन डीडीसी शाहिद अख्तर सर ने सम्मानित किया था।

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