समाचार चक्र संवाददाता
पाकुड़। पुलिस की सूझबूझ और बुद्धिजीवियों के पहल से ईलामी गांव में माहौल शांत हो गया है। दो पक्षों में उत्पन्न विवाद को सुलझा लिया गया है। दोनों पक्षों को आपस में मिलाकर मामले को शांत करा दिया गया है। जिससे चार दिनों से चल रहे झड़प पर विराम लग गया है। अब दोनों पक्षों में तनाव भी खत्म हो गया है। कांग्रेस जिलाध्यक्ष श्रीकुमार सरकार, मनिरामपुर पंचायत के मुखिया मजिबुर रहमान, ईलामी पंचायत के मुखिया अब्दुस समद, नवादा पंचायत के पूर्व मुखिया प्रतिनिधि एवं वरिष्ठ कांग्रेसी काबिबुर शेख, ईलामी पंचायत के पूर्व मुखिया डॉ मिसफीका हसन के पिता एवं बुद्धिजीवी लुतफल हक, युवा सामाजिक कार्यकर्ता फिरोज आलम, युवा सामाजिक कार्यकर्ता हबिबुर शेख, तारानगर पंचायत के मुखिया प्रतिनिधि अजमल हुसैन, युवा कांग्रेसी नसीम आलम सहित गणमान्य ग्रामीणों की मौजूदगी में दोनों पक्षों में समझौता कराया गया। दोनों पक्षों को बिठाकर उनकी बातों को गंभीरतापूर्वक सुना गया। इसके बाद सभी को आपस में मिलाकर मामले को शांत करा दिया गया। दोनों पक्ष एक-दूसरे के गले मिले और सारे गिले-शिकवे को भुलाकर भाईचारे के साथ रहने का संकल्प लिया। बता दें कि मुफस्सिल थाना क्षेत्र के ईलामी गांव में बकरीद के दिन बच्चों के बीच छोटी सी बात पर विवाद हुआ था। इसी विवाद ने बड़े आकार में झड़प का रुप ले लिया। बच्चों की लड़ाई में बड़े भी कूद पड़े और देखते ही देखते विवाद गहरा गया। दोनों पक्ष में मारपीट की नौबत आ गई। इसके बाद ईंट पत्थर भी चलने लगे। दोनों ओर से जमकर पत्थरबाजी हुई। इसके बाद तनाव बढ़ता चला गया। घटना की जानकारी मिलते ही थाना प्रभारी संजीव कुमार झा दलबल के साथ स्वयं ईलामी गांव पहुंचे। उन्होंने मामले को तत्काल शांत करा दिया। अगले दिन दोबारा पत्थरबाजी शुरू हो गई और यह तीसरा दिन भी चला। दोनों पक्षों में समझौता के लिए चौथे दिन गांव में ही पंचायती बुलाई गई। लेकिन वहां भी बात नहीं बनी और फिर से ईंट पत्थर चलने लगे। इस पूरे घटनाक्रम में कई लोगों को चोटें भी आई।इसके बाद थाना प्रभारी संजीव कुमार झा एक्शन में आ गए। उन्होंने दोनों पक्ष को चेताया कि विधि-व्यवस्था को बिगाड़ने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। इसके बाद दोनों पक्ष समझौता के लिए तैयार हुए। फिल वक्त गांव में शांति बहाल है। हालांकि पुलिस अभी भी नजर बनाई हुई है।