अबुल काशिम@समाचार चक्र
पाकुड़। मालपहाड़ी ओपी क्षेत्र के बाहिरग्राम गांव की एक मां के लिए सोमवार का दिन मनहूस बनकर आया। एक साल पहले पति की सड़क दुघर्टना में मौत के बाद गम में डूबी मां ने जवान बेटा को खो दिया। अचानक बारिश के दौरान हुई बज्रपात ने घर का चिराग बुझा दिया। आकाशीय बिजली की चपेट में आकर एकमात्र बेटे शुभम तिवारी की मौत हो गई। घटना सुबह करीब 8:30 बजे के आसपास की है। मिली जानकारी के मुताबिक 20 वर्षीय शुभम तिवारी बारिश के दौरान घर के सामने नाला की सफाई कर रहा था। ताकि बारिश का पानी घर से निकल कर नाला से बह जाए। इसी दौरान अचानक आसमान से बिजली गिरी और शुभम तिवारी चपेट में आ गया। आनन फानन में उसे सदर अस्पताल लाया गया। अस्पताल में चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। अपने जवान बेटे शुभम की मौत ने मां रीता तिवारी को अंदर से झकझोर दिया है। लाडले बेटे की हादसे में मौत से मां बार-बार बेहोश हो रही थी। मां रीता तिवारी का रो-रो कर बुरा हाल हो गया। शुभम को लेकर मां रीता तिवारी ने न जाने कितने सपने संजोए होंगे। लेकिन एक हादसे ने सब कुछ खत्म कर दिया। अब मां के पास सिर्फ जिंदगी भर का गम रह गया है।
केकेएम कॉलेज से ग्रेजुएशन कर रहा था शुभम
परिजनों से जानकारी मिली कि सेंट जोसेफ व डीएवी पब्लिक स्कूल का छात्र रहे शुभम केकेएम कॉलेज से ग्रेजुएशन की पढ़ाई कर रहा था। शुभम बचपन से ही होनहार और मेधावी छात्र रहा है। जिला मुख्यालय स्थित सेंट जोसेफ एवं डीएवी जैसे प्रतिष्ठित निजी विद्यालयों का छात्र रहा है। शुभम वर्तमान में केकेएम कॉलेज में ग्रेजुएशन की पढ़ाई कर रहा था। पढ़ाई में मेधावी होने के साथ-साथ काफी मिलनसार और मेहनती भी था। पिता निर्मल तिवारी की सड़क हादसे में मौत के बाद गम में डूबी मां रीता तिवारी को हमेशा खुश रखने का भरपूर कोशिश करता। घर में मां की देखभाल के साथ-साथ पढ़ाई और पार्ट टाइम जॉब भी कर लेता था। परिवार में मां के अलावा दो बहने हैं, जिनकी शादी हो चुकी है। मां के साथ-साथ शुभम बहनों का भी दुलारा था। शुभम तिवारी स्वभाव से काफी मिलनसार था। अपने मिलनसार स्वभाव के चलते घर परिवार में ही नहीं, पास पड़ोस और रिश्तेदारों के भी चहेते था।
एक साल पहले हादसे में हुई थी पिता की मौत
एक साल पहले ही शुभम ने पिता निर्मल तिवारी को खो दिया था। शुभम के पिता निर्मल तिवारी भागलपुर से पाकुड़ लौट रहे थे। इसी दौरान सड़क दुर्घटना में पिता की मौत हो गई थी। पिता निर्मल तिवारी की मौत से शुभम अंदर से टूट चुका था। लेकिन अपने अंदर की गम को दूसरों को महसूस भी नहीं होने दिया। शुभम ने खुद को संभाला और मां रीता तिवारी को गम से बाहर निकालने का हर संभव कोशिश करता रहा। पति के मौत की गम में डूबी मां रीता तिवारी को शुभम ने जरा सा भी महसूस होने नहीं दिया कि वह खुद पिता की मौत से दुखी है और अंदर ही अंदर पिता का गम उसे खाया जा रहा है। शुभम ने खुद की गम को छुपा कर अपनी मां को खुश रखने का प्रयास किया।