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Maqsood Alam
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प्रधानाध्यापिका ने ही बेची थी किताबें, बीईईओ ने डीएसई को सौंपा रिपोर्ट

उत्क्रमित प्राथमिक विद्यालय लखनपुर का मामला, दबाव के बाद वापस हुई किताबें

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Gunjan Saha
(Desk Head)
अबुल काशिम@समाचार चक्र
अबुल काशिम@समाचार चक्र

पाकुड़सदर प्रखंड के उत्क्रमित प्राथमिक विद्यालय लखनपुर की प्रधानाध्यापिका के द्वारा सरकारी किताबों की बिक्री मामले में विभागीय जांच शुरू हो गई है। अधिकारियों ने आरोपों को सही पाया है और दबाव के बाद किताबों की वापसी भी हुई है।

प्रधानाध्यापिका तूहीना बेगम के विरुद्ध कार्रवाई की तैयारी चल रही है। जिला शिक्षा अधीक्षक मुकुल राज ने मामले को गंभीरता से लेते हुए बीईईओ को जांच कर रिपोर्ट देने को कहा था। इसके बाद बीईईओ सुमीता मरांडी ने विद्यालय जाकर मामले की जांच की। जिसमें किताब बेचने के आरोपों को सही पाया गया।

बीईईओ ने बताया कि जांच के दौरान प्रधानाध्यापिका तूहीना बेगम ने किताबें बेचने की बातों को स्वीकार किया है। पूरी जांच रिपोर्ट बनाकर जिला शिक्षा अधीक्षक को सौंप दिया गया है। आगे की कार्रवाई वरीय अधिकारी ही करेंगे। इधर जिला शिक्षा अधीक्षक मुकुल राज ने कहा कि मामले की जांच की गई है। आगे की कार्रवाई हो रही है।

क्या है मामला

उत्क्रमित प्राथमिक विद्यालय लखनपुर के प्रबंध समिति के अध्यक्ष सलीम शेख ने प्रधानाध्यापिका पर सरकारी किताबों को फेरीवाला को बुलाकर बेच देने का आरोप लगाया था।

अध्यक्ष ने शिक्षा विभाग के अधिकारियों को मामले से अवगत कराया था। प्रबंध समिति अध्यक्ष सलीम शेख ने आरोप लगाते हुए कहा था कि रविवार को स्कूल बंदी के दिन भी स्कूल परिसर में एक व्यक्ति को ऊपर के कमरों से उतरते देखा। उसकी एक साइकिल भी स्कूल परिसर में खड़ी थी। पूछने पर उस व्यक्ति ने बताया था कि प्रधानाध्यापिका तूहीना बेगम ने किताब बेचने के लिए बुलाया है। अध्यक्ष ने जब प्रधानाध्यापिका को पूछा तो किताबें बेचने की बात कही। अध्यक्ष ने जब दबाव देकर कहा तो प्रधानाध्यापिका उनसे उलझ गई। प्रधानाध्यापिका ने कहा कि किताबें बेच रही हूं, तुमको जो करना है कर लो।

वहीं इस दौरान अध्यक्ष ने किताब खरीद रहे व्यक्ति का वीडियो भी बनाया। जिसे सोशल मीडिया में वायरल भी किया गया। पूरे मामले को शिक्षा विभाग ने गंभीरता से लेते हुए जांच कराया। जिसमें मामला सही पाया गया।

शिक्षा के मंदिर में ऐसी हरकतें चिंताजनक

अब सवाल उठता है कि जब स्कूल के शिक्षक ही ऐसी हरकतें करेंगे, तो बच्चों के मानसिकता पर क्या असर पड़ेगा। यह जितनी निंदनीय है, उतना ही सोचने वाली बात है। विभागीय अधिकारियों को ऐसे शिक्षक के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की आवश्यकता है। ताकि कोई शिक्षक इस तरह का दुस्साहस नहीं करें। विद्या के मंदिर में ऐसी हरकतें चिंताजनक है।

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