समाचार चक्र संवाददाता
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पाकुड़। आस्था, भक्ति और श्रद्धा के माहौल में दशहरा का पावन पर्व हर्षोल्लास व धूमधाम से मनाया गया। पूरे जिले में अधर्म पर धर्म, बुराई पर अच्छाई और असत्य पर सत्य की जीत का प्रतीक पर्व विजयादशमी की धूम रही। पूजा पंडालों में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी। श्रद्धालुओं ने मां दुर्गा की पूजा-अर्चना कर आशिर्वाद लिया। मां दुर्गा से हर घर में सुख-समृद्धि, शांति और सद्भाव की प्रार्थनाएं की। भगवान राम के रावण वध और मां दुर्गा के महिषासुर वध की स्मृति में मनाया जाने वाला दशहरा पर्व की धूम शहर से लेकर गांव-गांव तक रही। आकर्षक पूजा पंडाल और मां दुर्गा की खूबसूरत प्रतिमा के सामने श्रद्धालुओं की भीड़ कम होने का नाम नहीं ले रहा था। मां दुर्गा के दर्शन के लिए श्रद्धालु आतुर दिखे। मां दुर्गा का दर्शन कर आशीर्वाद प्राप्त किया। इस दौरान पुरोहितों की प्रशंसनीय भूमिका साफ नजर आई। पुरोहितों ने मां के भक्तों को दर्शन दिलाने और पूजा-अर्चना कराने में सराहनीय भूमिका निभाई। एक-एक कर श्रद्धालुओं को पूजा-अर्चना कराया। दशहरा के अवसर पर पूजा कमेटियों के द्वारा विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन भी किया गया। इनमें सांस्कृतिक कार्यक्रम खास रहा। जिसमें नन्हे-मुन्ने बच्चों ने नृत्य-संगीत की शानदार प्रस्तुति दी। नाटक का भी मंचन किया और दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। दशहरा पर्व में परंपरा को निभाते हुए रावण वध का आयोजन भी किया गया। वहीं सिंदूर खेला का भी आयोजन हुआ। जिसमें सुहागिन महिलाओं ने एक-दूसरे को सिंदूर लगाने के रस्म को निभाया। तमाम परंपराओं को निभाते हुए मां को नम आंखों से विदाई दी गई। श्रद्धालुओं ने मां की प्रतिमा विसर्जन की परंपरा को भी भक्तिमय माहौल में निभाया। अगले साल मां के जल्द आने की प्रार्थना के साथ नम आंखों से विदाई दी गई। इससे पहले गाजे-बाजे के साथ मां की प्रतिमा विसर्जन के लिए श्रद्धालु टोलियों में तालाब और नदियों में पहुंचे।
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पूजा कमेटियों ने किया प्रशासन के निर्देशों का अक्षरशः पालन
पूजा के सफल आयोजन में कमेटियों की भूमिका को भी नजर अंदाज नहीं कर सकते हैं। जिनके कंधों पर बड़ी जिम्मेदारी थी। कमेटियों को ना सिर्फ श्रद्धालुओं की सुविधाओं का ध्यान रखना था, बल्कि प्रशासन के एक-एक निर्देशों का भी पालन करना था। पूजा पंडालों में और आस-पास भी साफ-सफाई का ध्यान रखना, पंडालों में वॉलिंटियर्स रखना, वॉलिंटियर्स के साथ मीटिंग करना, पूजा पंडाल में लाइटिंग और सीसीटीवी कैमरे लगाना, पूजा पंडाल में आने वाले बच्चों के लिए पब्लिक एड्रेस सिस्टम, पंडाल में आगलगी की घटनाओं से निपटने के लिए आपातकालीन व्यवस्था के तौर पर पूजा स्थल पर अग्नि सुरक्षा संबंधी उपकरण रखना, फायर एक्सटिंग्विशर, फायर बॉल एक्सटिंग्विशर, बालू तथा पानी की समुचित व्यवस्था, फर्स्ट एड बॉक्स व्यवस्था जरुरी रुप से रखना आदि का पालन करना था। जिसका पूजा कमेटियों ने अक्षरशः पालन किया।
अलर्ट रही प्रशासन, नहीं आई अप्रिय घटना की खबरें
इधर दुर्गोत्सव के आयोजन और प्रतिमा विसर्जन तक प्रशासन पूरी तरह अलर्ट रही। प्रशासन की भूमिका काफी प्रशंसनीय रहा। जिनके प्रयास से दुर्गोत्सव का सफल आयोजन संपन्न हुआ। जिले भर में आपसी भाईचारा और शांतिपूर्ण माहौल में दुर्गा पूजा संपन्न हुआ। किसी भी तरह की अप्रिय घटना सामने नहीं आई। पाकुड़ जिले वासियों ने अपनी भाईचारा के मिसाल को कायम रखा। इसका नजारा सोशल मीडिया पर साफ दिखाई दिया। हर धर्म के लोगों ने विजयादशमी की शुभकामना संदेश सोशल मीडिया पर पोस्ट किया। फेसबुक, ह्वाट्सएप, ट्विटर, इंस्टाग्राम पर दशहरा की शुभकामनाएं दी।
