समाचार चक्र संवाददाता
पाकुड़। राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक (एनक्यूएएस) कार्यक्रम के तहत स्वास्थ्य व्यवस्थाओं का निरीक्षण करने दो सदस्यीय टीम बुधवार को पाकुड़ पहुंची। इस टीम में डॉ प्रशांत अस्थाना (गोरखपुर) और डॉ अश्विनी कुमार (शिमला, हिमाचल) शामिल थे। टीम ने हिरणपुर प्रखंड के बड़तल्ला में संचालित आयुष्मान आरोग्य मंदिर पहुंचकर निरीक्षण किया। इस दौरान यहां मरीजों को मिलने वाली सुविधाओं का बारीकी से निरीक्षण किया। टीम ने मरीजों के साथ भी बातचीत की और उन्हें मिलने वाली स्वास्थ्य सुविधाओं के बारे में जानकारी लिया। आयुष्मान आरोग्य मंदिर बड़तल्ला एनक्यूएएस सर्टिफिकेट के लिए निर्धारित मानकों पर खरा उतरता है या नहीं, इसका बारीकी से जांच किया। मरीजों का इलाज, जांच, दवा आदि की सुविधा व रखरखाव इत्यादि का निरीक्षण किया। इस दौरान सिविल सर्जन डॉ मंटू कुमार टेकरीवाल भी टीम के साथ मौजूद थे। टीम ने सिविल सर्जन से जरूरी जानकारियां हासिल की। निरीक्षण के बाद सिविल सर्जन डॉ मंटू कुमार टेकरीवाल ने कहा कि बड़तल्ला आयुष्मान आरोग्य मंदिर में मरीजों को बेहतर सेवा मिलता है। यहां की व्यवस्था काफी अच्छी है। उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि पिछले साल पाकुड़ जिले के आठ हेल्थ सेंटर को एनक्यूएएस सर्टिफिकेट के लिए शामिल किया गया था। उन्होंने बताया कि यह निरीक्षण चार दिनों तक चलेगा। अलग-अलग टीमें हेल्थ सेंटर का निरीक्षण करेगी। बता दें कि एनक्यूएएस सर्टिफ़िकेट, राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक (एनक्यूएएस) प्रमाणन के तहत मिलता है। यह सर्टिफिकेट बेहतर प्रदर्शन करने वाले अस्पतालों को दिया जाता है। इस प्रमाणन के जरिए सार्वजनिक अस्पतालों की विश्वसनीयता में सुधार होता है। यह सर्टिफिकेट स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की ओर से दिया जाता है। यह सर्टिफिकेट, जिला अस्पतालों, सीएचसी, पीएचसी और शहरी पीएचसी के लिए दिया जाता है। इसके तहत मानकों में सेवा प्रावधान, रोगी अधिकार, इनपुट, सहायता सेवाएं, रोगियों की देखभाल, संक्रमण नियंत्रण, गुणवत्ता प्रबंधन और परिणाम शामिल हैं।