Homeपाकुड़गार्डवाल में डस्ट का इस्तेमाल ठेकेदार को पड़ गया भारी, तोड़कर दोबारा...
Maqsood Alam
(News Head)

गार्डवाल में डस्ट का इस्तेमाल ठेकेदार को पड़ गया भारी, तोड़कर दोबारा बनाना होगा

ग्रामीणों के शिकायत पर सहायक अभियंता ने किया जांच, सही मिला मामला

समाचार चक्र की खबरें अब Google news पर

क्लिक करें
Gunjan Saha
(Desk Head)

समाचार चक्र संवाददाता

पाकुड़। सदर प्रखंड के रामचंद्रपुर में आरईओ विभाग से बनाए जा रहे गार्डवाल में स्टोन डस्ट का इस्तेमाल करना ठेकेदार को भारी पड़ गया। इसे तोड़कर या तो दोबारा बनाना पड़ेगा या फिर भुगतान ही नहीं मिलेंगे। ग्रामीणों के लगातार शिकायत पर शनिवार को सहायक अभियंता प्यारेलाल मरांडी जांच करने पहुंचे। उन्होंने जांच में स्टोन डस्ट के इस्तेमाल की शिकायतों को सही पाया। इस दौरान ग्रामीण भी वहां मौजूद थे। ग्रामीणों ने अभियंता को ठेकेदार के द्वारा किए जा रहे मनमानी के बारे में सारी जानकारियां दी। अभियंता ने ग्रामीणों को आश्वस्त किया कि गार्डवाल या तो तोड़कर बनाना पड़ेगा या फिर भुगतान नहीं मिलेगा। इससे पहले भी कनीय अभियंता राकेश कुमार को भी जांच में गड़बड़ियां मिली थी। उस दौरान गड़बड़ियां पकड़े जाने पर पेटी ठेकेदार कनीय अभियंता से उलझ भी गए थे। अभियंता राकेश कुमार ने ग्रामीणों के शिकायत पर कार्य स्थल पर पहुंचकर गार्डवाल निर्माण का जांच किया था। उन्हें भी गार्डवाल में स्टोन डस्ट मिला था। कनीय अभियंता ने निर्माण कार्य पर रोक लगा दिया था और सहायक अभियंता से जांच के बाद ही काम आगे बढ़ाने को कहा था। इधर सहायक अभियंता प्यारेलाल मरांडी की जांच में गड़बड़ियां सामने आने के बाद इतना तो स्पष्ट हो गया है कि ठेकेदार के द्वारा सिर्फ ग्रामीणों के ही नहीं, बल्कि विभाग के अधिकारियों की आंखों में भी धूल झोंकने का काम किया जा रहा था। इधर ग्रामीण टुलू शेख, मोतालीम शेख ने कहा कि सड़कें रोज-रोज नहीं बनती है। प्राक्कलन के अनुरूप ही काम होना चाहिए। थोड़ी उन्नीस-बीस चलती है, लेकिन एकदम से गलत नहीं होने देंगे। ग्रामीणों ने निष्पक्ष जांच के लिए अभियंताओं का आभार व्यक्त किया है। उल्लेखनीय है कि आरईओ विभाग से रामचंद्रपुर गांव से बंगाल सीमा तक गार्डवाल सह पीसीसी सड़क निर्माण का काम शुरू हुआ है। जिसकी लागत तकरीबन ढाई करोड़ रुपए हैं। इसी योजना में गार्डवाल निर्माण कार्य में प्राक्कलन को ठेंगा दिखाकर स्टोन डस्ट का इस्तेमाल किया गया था। जिसकी शिकायत ग्रामीण बार-बार कर रहे थे।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

RELATED ARTICLES

Recent Comments