फोटो-बेघर पीड़ित परिवार, सोर्स-समाचार चक्र
अबुल काशिम@समाचार चक्र
पाकुड़। पंचायत राज व्यवस्था को मजबूत बनाने में अहम भूमिका निभाने वाले गरीबों की अनदेखी का एक निराशाजनक तस्वीर सामने आई है। यह तस्वीर सदर प्रखंड अंतर्गत चेंगाडांगा पंचायत के तिलपहाड़ी गांव की है। जहां मिट्टी के कच्चे जर्जर मकान में रहने को बेबस एक हाथ से दिव्यांग गरीब मजदूर परिवार बेघर हो गए हैं। घर का दीवार तेज बारिश से धंस जाने के बाद पत्नी और चार छोटे-छोटे बच्चों के साथ सड़क पर आ गए हैं। पंचायत के मुखिया, कर्मचारी और पंचायत के तमाम जनप्रतिनिधियों की उदासीनता का शिकार पूरा परिवार बेसहारा हो गया है। दरअसल तिलपहाड़ी गांव में महबूल शेख शनिवार की रात परिवार के साथ खपरैल के कच्चे मकान (मिट्टी से बने मकान) में सोए हुए थे। इस दौरान तेज बारिश हो रही थी और रात करीब 2:00 बजे घर का दीवार ढहने लगा। गनीमत रही कि मकान मालिक महबूल शेख की नींद टूट गई और पत्नी तथा चारों बच्चों को लेकर बाहर निकल गए। अन्यथा बड़े हादसे का शिकार हो सकते थे। घटना के बाद महबूल ने अपने परिवार के साथ किसी तरह रात गुजारी। मजदूरी कर बड़ी मुश्किल से दिन बिताने वाले परिवार का किसी ने भी सुधि नहीं ली। महबूल शेख ने बताया कि मैं एक हाथ से दिव्यांग हूं। किसी तरह गांव में मजदूरी कर परिवार का भरण पोषण करता हूं। मैं आज तक एक मकान भी नहीं बना सका। मुझे सरकार से भी कोई मकान नहीं मिला है। मैं चार बच्चों के भविष्य को लेकर हमेशा चिंतित रहता हूं। मैं डीसी साहब से निवेदन करता हूं कि एक पक्का मकान दिलाएं। ताकि मेरे चार छोटे-छोटे बच्चें घर में सुरक्षित रहें। इस दौरान महबूल शेख के चेहरे पर निराशा साफ झलक रही थी। पत्नी और चारों बच्चों में उदासी छाई हुई थी। इधर मुखिया विपिन सरदार ने कहा कि मुझे जानकारी नहीं है। मैं गांव जाकर पीड़ित परिवार से मिलूंगा और हर संभव मदद का प्रयास करूंगा।
