समाचार चक्र संवाददाता
पाकुड़। केकेएम कॉलेज एवं बलियाडांगा स्कूल के सामने से गुजरती भारी वाहनों से छात्र-छात्राओं में डर का माहौल बना हुआ है। पिछले कुछ महीनों से इस रास्ते से दिन रात भारी वाहनों का आवागमन हो रहा है। यह आम राहगीरों के साथ-साथ छात्रों के लिए परेशानी का सबब बना हुआ है। मिली जानकारी के मुताबिक चांचकी बाइपास से अंजना, जयकिस्टोपुर, शैतानखाना मोड़ से इशाकपुर रेलवे फाटक होते हुए बलियाडांगा गांव से होकर डंपर और ट्रकों का दिन रात आवागमन होती है। इस रास्ते बलियाडांगा गांव की मुख्य सड़क से बिल्कुल सटा हुआ सरकारी स्कूल संचालित है। जिसमें सैंकड़ों बच्चें पढ़ने आते हैं। इसके ठीक पास में केकेएम कॉलेज संचालित है। दोनों तरफ स्थित कॉलेज और स्कूल में शिक्षण अवधी में छात्र पैदल या दो पहिए वाहनों से आते जाते हैं। इस दौरान भी गिट्टी लदे या खाली ट्रक और डंपरों का लापरवाही पूर्वक आना-जाना लगा रहता है। इस दौरान छात्रों के साथ हमेशा अनहोनी का डर बना रहता है। इन वाहनों के चालक तेजी और लापरवाही के साथ ट्रक या डंपर लेकर गुजरते हैं। इससे एक्सीडेंट का डर बना रहता है। वहीं छात्रों के साथ-साथ ग्रामीण और आम राहगीरों के साथ भी दुर्घटना की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है। लोगों का कहना है कि जब भारी वाहनों के आने जाने के लिए दूसरे रास्ते हैं, तो इस रास्ते से भारी वाहनों का आगमन क्यों किया जा रहा है। उल्लेखनीय है कि मौलाना चौक से बल्लवपुर हीरानंदनपुर बाईपास और मालपहाड़ी सड़क मौजूद हैं। इसी रास्ते से शुरू से ही भारी वाहनों का आवागमन होता रहा है। इस रास्ते भारी वाहनों के जांच के लिए चेक पोस्ट भी बनाए गए है। ऐसे में घनी आबादी वाले इलाकों से होकर भारी वाहनों का आवागमन से सवाल उठना लाजमी है। आखिर किस उद्देश्य से बलियाडांगा के रास्ते भारी वाहनों का आवागमन किया जा रहा है। लोगों का मांग है कि प्रशासन इस रास्ते भारी वाहनों के आगमन पर रोक लगाएं।