समाचार चक्र संवाददाता
पाकुड़ । हिरणपुर पुलिस का कोयला तस्करों पर कंट्रोल नहीं है। तस्कर बेखौफ होकर कोयला तस्करी कर रहा है। पुलिस का खौफ कोयला तस्करों में बिल्कुल भी नहीं दिख रहा है। यही वजह है कि थाना क्षेत्र में लगातार कोयला तस्करी जारी है। यह अलग बात है कि पुलिस बीच-बीच में छापेमारी कर कोयले को जब्त कर रही है। लेकिन सूत्रों की माने तो जिस पैमाने पर कोयले की तस्करी हो रही है, उस हिसाब से पुलिस की कार्रवाई नाकाफी है।
सूत्र बताते हैं कि थाना क्षेत्र के अलग-अलग रास्तों से साइकिल और मोटरसाइकिलों से दिन रात कोयले की तस्करी हो रही है। दिन के उजालों में भी कोयले की तस्करी देखी जा सकती है। वहीं छोटे बड़े वाहनों के माध्यम से भी रात के अंधेरे में कोयले की तस्करी की जा रही है। सूत्रों का यह भी दावा है कि कोयला तस्करी में कुछ सफेदपोश और बिचौलियों की संलिप्तता से भी इंकार नहीं किया जा सकता है। जो खुद को पुलिस या बड़े नेताओं के करीबी बताते फिरते हैं। पुलिसिया कार्रवाई में जब्त कोयला और वाहन भी कोयला तस्करों की सक्रियता को साफ दर्शाता है।
पिछले शनिवार की ही बात करें तो हिरणपुर थाना क्षेत्र के जामबाद खुदीटांड़ के पास स्टॉक किया गया करीब 80 टन कोयला जब्त हुआ। पुलिस के मुताबिक जब्त कोयला अवैध था। जिसे डंपरों में लोडकर कोल कंपनी को सौंप दिया गया। यह भी आशंका जताई गई कि तस्कर अवैध कोयला को पश्चिम बंगाल भेजने के फिराक में था। इसका मतलब हिरणपुर थाना क्षेत्र में कोयला का चल रहा अवैध धंधा पश्चिम बंगाल से जुड़ा हुआ है। अवैध कोयले की तस्करी बंगाल में की जाती है। अमड़ापाड़ा कोल माइंस का कोयला चोरी कर हिरणपुर थाना क्षेत्र में भंडारण और पश्चिम बंगाल में तस्करी का धंधा तस्करों के दुस्साहस को साफ दर्शाता है।
इधर कोयले की अवैध ढुलाई के शक में दो भुटभुटिया वाहन भी जब्त किया गया है। इससे पहले भी कई बार ईंट भट्ठे और अन्य जगहों से कोयला जब्त किया जा चुका है। फिलवक्त हिरणपुर थाना क्षेत्र में कोयला तस्करी चर्चा का विषय बना हुआ है।