Homeपाकुड़सत्ता पक्ष व विपक्ष की नीति नीयत में अंतर नहीं, भ्रष्टाचार पर...
Maqsood Alam
(News Head)

सत्ता पक्ष व विपक्ष की नीति नीयत में अंतर नहीं, भ्रष्टाचार पर एक-दूसरे का पीठ सहला रहे- सरयू राय

समाचार चक्र की खबरें अब Google news पर

क्लिक करें
Gunjan Saha
(Desk Head)

अबुल काशिम@प्रभात मंत्र
पाकुड़। भ्रष्टाचार के मामलों में सत्ता पक्ष और विपक्ष एक दूसरे का पीठ सहला रहे हैं। पक्ष और विपक्ष दोनों की नीति और नियत में कोई अंतर नहीं है। यह बातें जमशेदपुर पूर्वी सीट से निर्दलीय विधायक सरयू राय ने सोमवार को पाकुड़ परिषद में कही। पूर्व मंत्री सरयू राय अपने परिचित के मांगलिक कार्यक्रम में शामिल होने पाकुड़ पहुंचे थे। इस दौरान सर्किट हाउस में ठहरे विधायक सरयू राय ने कहा कि हमने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को भ्रष्टाचार के आधे दर्जन मामलों की जानकारी दी।लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। भ्रष्टाचार के मुद्दों को विपक्ष उठाते जरूर है। लेकिन आगे चलकर चुप हो जाते हैं। इसलिए मुझे महसूस होता है कि भ्रष्टाचार के मुद्दों पर सत्ता और विपक्ष दोनों गंभीर नहीं है। उन्होंने कहा कि विपक्ष ने हाल के दिनों में तीन मुद्दों को मजबूती के साथ उठाया। इनमें पहला डेमोग्राफी बदलने का मुद्दा है। दूसरा बांग्लादेशी घुसपैठी और तीसरा मुस्लिम के आदिवासियों से शादी का मुद्दा है। लेकिन मुद्दों पर भाजपा जमीनी स्तर पर काम नहीं कर पा रही है। उन्होंने कहा कि पाकुड़ में मैंने कई समूह से बात की। जानकारी मिली कि डेमोग्राफी तो बदल रही है। आदिवासियों के साथ मुस्लिम के शादी की बात है, तो शादी पर तो रोक नहीं है। बड़े-बड़े लोगों की बेटियां मुस्लिम से शादी कर लेती है। उन्होंने कहा कि बांग्लादेशी घुसपैठी पर भारत सरकार को सक्रिय होना पड़ेगा। बांग्लादेश से जो आकर बसे हैं, उन्हें बाहर भेजने के लिए भी और घुसपैठी रोकने पर भी सक्रिय होना पड़ेगा। इसके लिए सीमा पर भी सख्ती बरतना पड़ेगा। बांग्लादेशी घुसपैठी रोकने में ज्यादा भूमिका केंद्र सरकार की है। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर विपक्ष गंभीर नहीं है और सत्ता पक्ष को भी इसमें दिलचस्पी नहीं है। भ्रष्टाचार के साथ स्थानीय नीति पर भी पक्ष और विपक्ष की नीति और नियत में कोई अंतर नहीं है। उन्होंने कहा कि साल 2002 में बाबूलाल मरांडी जी ने जो किया, आज हेमंत सोरेन जी भी वही कर रहे हैं। निर्दलीय विधायक सरयू राय ने कहा कि राज्य को समावेशी स्थानीय नीति की जरूरत है। ताकि झारखंड में रहने वाले हर व्यक्ति को झारखंडी होने का गर्व महसूस हो। उन्होंने कहा कि पाकुड़ में हिंदू समाज का एक बड़ा वर्ग अल्पसंख्यक के रूप में है। केंद्र सरकार की जो योजनाएं आ रही है, उसका लाभ उन्हें मिल रहा है या नहीं, विपक्ष इसकी गणना नहीं कर पा रही है। प्रशासन के तंत्र के आधार पर काम होता है। उन्होंने कहा कि मुखिया से लेकर बीडीओ जब सूची बनती है, तो उसमें हिंदू समाज का नाम छूट जाता है। इन मुद्दों को जमीनी स्तर पर उठाना चाहिए। बीजेपी को गांवों में जाकर पता लगाना चाहिए कि हिंदू समाज के लोगों को केंद्र की योजनाओं का लाभ मिल रहा है या नहीं।

जदयू के साथ मिलकर तीस सीट पर चुनाव लड़ेंगे

पूर्व मंत्री एवं जमशेदपुर पूर्वी से निर्दलीय विधायक सरयू राय ने कहा कि भारतीय जन मोर्चा एक संगठन बना है। जिसमें मुझे संरक्षक बनाया गया है। यह संगठन भले ही शुरुआती समय में उतनी मजबूत ना हो, लेकिन आने वाले विधानसभा चुनाव में सरकार बनाने में अहम भूमिका निभाएंगे। उन्होंने कहा कि पटना में नीतीश कुमार जी से मेरी बात हुई है। उनकी पार्टी जदयू से गठबंधन पर सहमति जताई है। आने वाले विधानसभा चुनाव में हम मिलकर 30 सीट से चुनाव लड़ेंगे। उन्होंने कहा कि अगले चुनाव में जो स्वरूप बनेगा, उसमें किसी को भी बहुमत नहीं मिलने वाला है। तीसरी शक्ति के रूप में हम उभर कर आएंगे और झारखंड की जनता को एक ईमानदार सरकार देने में अपनी भूमिका निभाएंगे।

कुणाल षाड़ंगी ने बीजेपी से इस्तीफा देकर दिखाई हिम्मत

उन्होंने कहा कि कुणाल षाड़ंगी ने अभी कुछ तय नहीं किया है। उनके हेमंत सोरेन जी से भी अच्छे संबंध रहे है। कुणाल षाड़ंगी झारखंड मुक्ति मोर्चा के विधायक भी रहे हैं। कुणाल षाड़ंगी के पिताजी से हमारी अच्छी दोस्ती रही है। कुणाल षाड़ंगी ने भाजपा छोड़कर एक हिम्मत तो दिखाई है। उन्हें तय करना होगा कि आगे क्या करेंगे।

लंबी व्यवस्था में सड़ांध ही पेपर लीक का कारण

निर्दलीय विधायक सरयू राय ने कहा कि नीट यूजी पेपर लीक का मामला सुप्रीम कोर्ट में है। निश्चित रूप से एक व्यवस्था जब लंबे समय तक चलती है तो किसी न किसी कोने में सड़ांध आ जाती है। पेपर लीक होना इसी का कारण है। इसलिए सरकार को चाहिए कि ऐसे सड़ांध को हटाएं। यह राज्य सरकार में भी और केंद्र सरकार में भी हो रही है। उन्होंने कहा कि जो ईमानदार विद्यार्थी हैं, जो मेहनत करते हैं, तैयारी करते हैं उन्हें सबसे ज्यादा नुकसान हो रहा है और गलत लोगों की एंट्री हो रही है। इसलिए ऐसे लोगों की शिनाख्त होना चाहिए। उन्होंने कहा कि साल 2002-03 में बाबूलाल मरांडी जी के समय से ही जेपीएससी का मामला चल रहा है। पहली और दूसरी परीक्षा के मामले की जांच सीबीआई कर रही है। लेकिन सीबीआई भी अभी तक दंडित नहीं कर पाई है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

RELATED ARTICLES

Recent Comments