ललन झा@समाचार चक्र
अमड़ापाड़ा। कोल लिंक पथ पर पचुवाड़ा मोड़ के निकट बीते मंगलवार को अज्ञात डंपर की चपेट में आकर अधेड़ सुनीराम हांसदा की हुई मौत प्रकरण में पुलिस ने तीन अलग-अलग प्राथमिकी दर्ज किया है। मिली जानकारी के अनुसार गत बुद्धवार को दर्ज कांड संख्या : 33/24 में मृतक के भतीजा कमल हांसदा ने अपने फर्द बयान में पुलिस को बताया है कि मेरे चाचा अमड़ापाड़ा हाट से ऑटो से पचुवाड़ा जा रहे थे। वो पचुवाड़ा मोड़ के निकट उतरे । ऑटो चालक को भाड़ा देने के क्रम में एक तेज गति से आ रही अज्ञात लापरवाह डंपर चालक ने उन्हें कुचल दिया। ईलाज के लिए ले जाने के क्रम में उनकी मौत हो गई। वहीं दर्ज दूसरी कांड संख्या : 34/24 में हाइवा संख्या : जेएएच 16 जे /7577 और जेएएच 04 एए /1137 के ऑनर महेशपुर निवासी मौसमी घोष ने उत्तेजित ग्रामीणों द्वारा ड्राइवर व खलासी सहित डंपरों पर हमला करते हुए शीशे तोड़ने, डीजल टंकी के फाड़ देने, बैटरी निकाल लेने तथा डीजल व चालान लूट लेने का आरोप लगाया है। जबकि तीसरी प्राथमिकी बीजीआर के रोड पेट्रोलिंग कर्मी सुरेश सिंह ने कांड संख्या – 35/24 के तहत दर्ज कराया है। वादी सुरेश सिंह ने पुलिस को बताया है कि मैंने जब मानवता के नाते दुर्घटना के शीघ्र उपरांत घायल को हॉस्पिटल पहुंचाने के लिए उठाने का प्रयास किया तभी आक्रोषित ग्रामीण मुझ पर टूट पड़े। गाली-गलौज करते हुए लाठी-डंडे से प्रहार कर मुझे जख्मी कर दिया। इस कांड में एक नामजद और दो दर्जन से अधिक ग्रामीणों को आरोपी बनाया गया है।
आक्रोषित ग्रामीणों ने कर दिया था कोयला परिवहन ठप
सुनीराम हांसदा की मौत से भड़के ग्रामीणों ने कोल डंपरों को क्षतिग्रस्त तो किया था ही साथ-साथ एक निर्दोष कोल कर्मी सुरेश सिंह के साथ बेरहमी से मारपीट भी की थी। पुलिस के साथ भी हल्की झड़प हुई थी। नतीजतन दुर्घटना के उपरांत मंगलवार से बुद्धवार की शाम तक उचित मुआवजा राशि, नौकरी व अन्य सुविधाओं की मांग को लेकर कोयले की ढुलाई करीब तीस घंटों तक बाधित कर दिया था। इस दौरान पुलिस स्थल पर कैम्प कर रही थी। अंततः बीडीओ श्रीमान मरांडी , थाना प्रभारी अनिल कुमार गुप्ता एवं डीबीएल के अधिकारी प्रिंस कुमार, बीजीआर अधिकारी मधु रेड्डी आदि के सामुहिक प्रयास से सात लाख की मुआवजा राशि व अन्य सुविधाएं दिए जाने के आश्वासन पर ग्रामीण मान गए थे। कोयले का परिवहन फिर से बहाल हो गया था।