अबुल काशिम@समाचार चक्र
पाकुड़। जिले में शिक्षकों की कमी की वजह से छात्रों का पठन-पाठन प्रभावित हो रहा है। आरटीई नियमावली के अनुसार शिक्षकों का पदस्थापन तो दूर-दूर तक नजर नहीं आ रहा, अनुपात की बात करें तो ऐसे भी स्कूल है, जहां 150 छात्रों पर सिर्फ 1 शिक्षक कार्यरत है। प्राइमरी स्तर के स्कूलों को तो शिक्षकों की कड़ी मेहनत से किसी तरह संभाला जा रहा हैं। लेकिन मिडिल, हाई स्कूल और प्लस टू स्तर के स्कूलों को संभालना शिक्षकों के लिए किसी चुनौती से कम नहीं है।
अंजना उत्क्रमित प्लस टू विद्यालय इसका जीता जागता नमूना है। उक्त विद्यालय में 4084 छात्रों का नामांकन है और शिक्षकों की संख्या सिर्फ 27 ही है। यहां छात्रों का हाजिरी बनाने में ही शिक्षकों का पसीना छूट जाता है। एक तरफ छात्रों को पढ़ाना भी है, दूसरी तरफ तरह-तरह के रिपोर्ट भी बनाने हैं। इतनी तादाद में छात्रों को पढ़ाना, उनकी हाजिरी और रिपोर्ट बनाना, एमडीएम परोसना कितना मुश्किल काम हो सकता है, इसका सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है। विशेषकर उस परिस्थिति में जब 4084 छात्रों के लिए सिर्फ 27 शिक्षक ही उपलब्ध हो। हालत यह है कि छात्रों की हाजिरी और रिपोर्ट बनाने में ही शिक्षकों का वक्त गुजर जाता है।
मिली जानकारी के मुताबिक कक्षा 1 से 8 तक में 2596 छात्रों के लिए 14 शिक्षक कार्यरत हैं। इनमें 12 सहायक अध्यापक (पारा शिक्षक) और दो सरकारी शिक्षक शामिल हैं। कक्षा 9 एवं 10 में क्रमशः 645 एवं 392 कुल 1037 छात्रों को पढ़ाने के लिए सिर्फ 11 सरकारी शिक्षक हैं। कक्षा 11 एवं 12 में क्रमशः 287 एवं 163 कुल 450 छात्रों को स्कूल को उपलब्ध सिर्फ दो शिक्षक ही पढ़ाते हैं। इसमें भी फिजिक्स और हिस्ट्री के ही शिक्षक है। अन्य किसी भी विषयों के शिक्षक नहीं है। आंकड़ों से साफ पता चलता है कि सरकार का क्वालिटी एजुकेशन का दावा पूरी तरह से खोखला हैं।
अधिकांश शिक्षकों के पद खाली
प्राथमिक, मैट्रिक और प्लस टू में स्वीकृत शिक्षकों के अधिकांश पद खाली पड़े हैं। मिली जानकारी के मुताबिक उक्त विद्यालय में प्राइमरी में स्वीकृत पद 07 है। इसके विरुद्ध महज दो शिक्षक ही कार्यरत हैं। यह अलग बात है कि 12 सहायक अध्यापक (पारा शिक्षक) भी कार्यरत है। मैट्रिक में भी 01 शिक्षक का पद खाली है। मैट्रिक में शिक्षकों का स्वीकृत पद 11 है और 10 कार्यरत हैं। हालांकि एक लिपिक भी कार्यरत हैं। अगर इंटर की बात करें तो 11वीं एवं 12वीं कक्षा के लिए स्वीकृत पद 11 है और सिर्फ दो शिक्षक ही कार्यरत हैं, 09 पद रिक्त पड़े हैं।
मुख्यमंत्री से भी गुहार लगा चुके हैं प्रबंध समिति अध्यक्ष
प्रबंध समिति अध्यक्ष मो. जाकिर हुसैन स्कूल में शिक्षक उपलब्ध कराने के लिए मुख्यमंत्री से भी गुहार लगा चुके हैं। फिर भी को सुनवाई नहीं हो रहा है। उन्होंने कहा कि शिक्षा विभाग के साथ-साथ मुख्यमंत्री को भी आवेदन देकर शिक्षकों की मांग की गई है। लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। लगातार छात्रों की संख्या बढ़ रहा है और शिक्षक नहीं मिल रहे हैं।