समाचार चक्र संवाददाता
पाकुड़। उपायुक्त मृत्युंजय कुमार बर्णवाल ने सेविका एवं सहायिका के चयन में कोताही बरतने वाले सीडीपीओ और सुपरवाइजर के खिलाफ कड़ा कदम उठाते हुए शो-कॉज व वेतन स्थगित का आदेश दिया है। उपायुक्त ने बहाली रिपोर्ट को लेकर दिग्भ्रमित करने के आरोप में जिला समाज कल्याण पदाधिकारी बसंती ग्लाड़िस बाड़ा पर भी नाराजगी जताई है। उपायुक्त मृत्युंजय कुमार बर्णवाल ने कहा कि आंगनबाड़ी सेविका एवं सहायिका चयन को लेकर लगातार अनियमितता की शिकायतें मिल रही है। इसलिए समाज कल्याण विभाग से पूरे जिले की रिपोर्ट मांगी गई थी। जिले में आंगनबाड़ी केंद्रों की कुल स्वीकृत संख्या, वर्तमान में कार्यरत सेविका एवं सहायिका, जिन केंद्रों में सेविका व सहायिका का चयन नहीं हुआ उनकी संख्या तथा चयन नहीं कराए जाने से संबंधित जिम्मेवार पदाधिकारी और आंगनबाड़ी केंद्र में रिक्त सेविका व सहायिका को सम्बद्ध किए जाने से संबंधित विस्तृत रिपोर्ट उपलब्ध कराने को कहा गया था। लेकिन प्रतिवेदन का जब अवलोकन किया गया तो इसमें स्पष्ट रूप से पाया गया कि समाज कल्याण कार्यालय के द्वारा सिर्फ प्रखंड वार आंगनबाड़ी केंद्र की संख्या, स्वीकृत पद एवं कार्यरत पद तथा रिक्त पद का ही उल्लेख किया गया है। उपायुक्त ने कहा कि विभाग के द्वारा समर्पित प्रतिवेदन में इस तत्थों का उजागर किया ही नहीं गया है कि आंगनबाड़ी सेविका व सहायिका का रिक्त पद पर चयन नहीं होने में कौन-कौन जिम्मेवार है। इनके द्वारा समर्पित प्रतिवेदन में तत्थों को छुपाते हुए दिग्भ्रमित करने का प्रयास किया गया है। उपायुक्त ने कहा कि आंगनवाड़ी सेविका या सहायिका के खाली पड़े पदों पर बहाली में कोताही बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। जिन आंगनबाड़ी केंद्र में तीन महीने से ज्यादा समय से पद रिक्त पड़ा है और चयन की प्रक्रिया अपनाई नहीं गई है, उस प्रखंड के सीडीपीओ और सुपरवाइजर से स्पष्टीकरण का आदेश दिया गया है। इसके अलावा रिक्त पदों पर बहाली की प्रक्रिया पूरी नहीं होने तक जुलाई महीने से ही वेतन स्थगित रखने का आदेश दिया गया है।