पाकुड़। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद पाकुड़ की केकेएम कॉलेज इकाई ने कॉलेज मंत्री दुलाल चंद्र दास की अध्यक्षता में महाविद्यालय के प्रभारी प्राचार्य डॉक्टर शिव प्रसाद लोहार को ज्ञापन सौंपा। इस अवसर पर प्रभावी की ओर से विश्वविद्यालय संयोजक बमभोला उपाध्याय उपस्थित रहे।अभाविप ने अपने 6 सूत्रीय ज्ञापन में महाविद्यालय में सभी विषयों में प्राध्यापकों की अभिलंब नियुक्ति,महाविद्यालय में पेयजल की उपलब्धता एवं नियमित साफ सफाई,छात्र सूचना केंद्र,नए सत्र से पीजी-कॉमर्स एवं भूगोल की पढ़ाई प्रारंभ करवाने,राष्ट्रीय शिक्षा नीति के निमित्त महाविद्यालय के पुस्तकालय में पाठ्यक्रम से जुड़ी पुस्तक उपलब्ध करवाने, महाविद्यालय में परिवर्तित पाठ्यक्रम एवं राष्ट्रीय शिक्षा नीति विषय पर कार्यशाला आयोजित करने की मांग की। महाविद्यालय मंत्री दुलाल चंद्र दास ने बताया कि पाठ्यक्रम की सही से जानकारी एवं प्रतिष्ठा विषयों में प्राध्यापक न होने के कारण महाविद्यालय से छात्रों की नियमित उपस्थिति घट रही है। महाविद्यालय समाज की दशा एवं दिशा तैयार करने वाला केंद्र है छात्रों की महाविद्यालय से दूरी को कम करने के लिए परिषद ने नए पाठ्यक्रम एवं राष्ट्रीय शिक्षा नीति विषय पर कार्यशाला आयोजित करने की मांग की है।
महाविद्यालय उपाध्यक्ष रानी कुमारी ने बताया कि विद्यार्थी परिषद विगत कई वर्षों से विषय वार प्राध्यापकों की मांग को लेकर मुखर रही है एवं आंदोलन भी किया है। विश्वविद्यालय सरकार और महाविद्यालय प्रशासन की खामोशी समझ से परे है। यथाशीघ्र अगर हमारी मांगों पर सकारात्मक पहल नहीं की जाती है तो परिषद आंदोलन को बाध्य होगी।
विश्वविद्यालय संयोजक बम भोला उपाध्याय ने बताया कि महाविद्यालय में पीजी की पढ़ाई प्रारंभ करने को लेकर विद्यार्थी परिषद का यह नौवां ज्ञापन था। महाविद्यालय एवं विश्वविद्यालय में धरना प्रदर्शन के बाद विश्वविद्यालय प्रशासन को लेकर सकारात्मक रवैया दिखा रही थी लेकिन फिर से जिले के विद्यार्थियों का यह सपना टूटता दिखाई दे रहा है।पाकुड़ क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों की उदासीनता पाकुड़ में पीजी की पढ़ाई प्रारंभ ना होने की सबसे बड़ा कारण है। युवा वर्ग अच्छी शिक्षा और रोजगार के आशा के साथ क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों को अपना बहुमूल्य मत देकर राज्य एवं देश के सदन में प्रतिनिधि के रूप में भेजती है लेकिन राज्य गठन के 23 वर्षों बाद भी जिले के सबसे प्राचीन महाविद्यालय में पीजी की पढ़ाई ना होना विडंबना का विषय है। अगर नए सत्र में पीजी की पढ़ाई प्रारंभ नहीं होती है तो जिले के विद्यार्थी आंदोलन को बाध्य होंगे। इतिहास साक्षी रहा है कि अगर क्षेत्र के युवा अपने शिक्षा के अधिकार के लिए आंदोलन पर उतर आए तब तब सत्ता को बदलने का कार्य किया है। इस क्षेत्र के विद्यार्थी अपने जनप्रतिनिधियों से अपने अधिकारियों से क्षेत्र में बेहतर शिक्षा व्यवस्था की उम्मीद कर रहे हैं। नई शिक्षा नीति के साथ युवाओं को आत्मनिर्भर बनाते हुए विकसित भारत के निर्माण की जो संकल्पना की गई है वह तब तक पूर्ण नहीं होगी जब तक युवा नई शिक्षा नीति से पूर्ण रूप से अवगत नहीं होंगे इसलिए अभी अपने नई शिक्षा नीति पर विस्तृत कार्यशाला करने की भी मांग की है। इस अवसर पर मुख्य रूप से सुलभ दास,आनंद भंडारी, अनिमेष सरकार, शुभांगी गुप्ता ,आशीष मंडल, लखन, विकास एवं कई कार्यकर्ता उपस्थित रहे।