समाचार चक्र संवाददाता
पाकुड़। सहायक अध्यापकों ने विभिन्न समस्याओं के निदान की मांग को ले 4 से 7 अगस्त तक विधान सभा घेराव का ऐलान किया है। इस संबंध में सीएम और विधायक को संबोधित पत्र में सहायक अध्यापकों ने यह उल्लेख किया है कि विधानसभा चुनाव 2019 के दौरान झामुमो ने अपने मेनिफेस्टो में यह वादा किया गया था कि सरकार गठन के तीन महीनों के भीतर पारा शिक्षकों को समान काम के बदले समान वेतन मिलेगा किन्तु यह वादा पूरा नहीं किया गया। हालांकि आपकी सरकार ने पारा शिक्षकों को 20 वर्ष बाद एक नियमावली दिया। 40-50 प्रतिशत मानदेय में वृद्धि की गई। सामाजिक सुरक्षा के तहत सामान्य भविष्य निधि का लाभ मिला जिसके लिए हमलोग सरकार के प्रति कृतज्ञ हैं। किन्तु, 25 वर्ष तक सेवा देने के उपरांत टेट एवं विभागीय आकलन परीक्षा में सफल होने के बावजूद समान काम के बदले समान वेतन देने में सरकार असफल है। जबकि मदर्शा एवं संस्कृत विद्यालयों में शिक्षकों को नियुक्त कर समान वेतन व पुराने पेंशन योजना की स्वीकृति दे दी गई है। माननीय सर्वोच्च न्यायालय से भी समान काम के बदले समान वेतन का आदेश पारित है। शिक्षकों ने अपने मांग पत्र में यह मांग किया है कि राज्य के सभी सहायक शिक्षकों को समान काम के लिए समान वेतन दिया जाय। गत आंदोलन के दौरान दर्ज मुकदमे वापस लिए जाएं। मृत सहायक अध्यापकों के आश्रितों को अनुकंपा का लाभ दिया जाय। सेवानिवृत्ति की अवधि 60 से बढ़ाकर 62 वर्ष की जाय।राज्य के करीब सत्रह सौ सहायक अध्यापकों को फर्जी प्रमाणपत्रों अथवा संस्थानों का हवाला देते हुए कार्यमुक्त कर दिया गया है, इस आदेश को निरस्त किया जाय। मेमोरेंडम में यह भी उल्लेख किया गया है कि अगर मांगें पूरी नहीं हुईं तो बाध्य होकर 5 सितंबर -शिक्षक दिवस पर मुख्यमंत्री आवास का घेराव भी किया जाएगा। इस मांगपत्र की प्रति अन्य मंत्रियों व सचिव आदि के पास भी भेजी गई है।
