प्रमोद दास@समाचार चक्र
पाकुड: लिट्टीपाड़ा विधानसभा क्षेत्र से झामूमो प्रत्याशी हेमलाल मुर्मू की गुगली से भाजपा के बाबुधन मुर्मू चित हो गए। चुनाव परिणाम की घोषणा अनुरूप झामूमो प्रत्याशी ने अब तक के रिकार्ड वोट करीब 26 हजार के अंतराल से भाजपा को शिकस्त देकर जेएमएम के इस अजेय किले को बरकरार रखा। वर्ष 1980 से इस विधानसभा क्षेत्र से झामूमो की निरन्तर जीत होते आ रहा है। जहाँ 2019 तक साइमन मरांडी , सुशीला हांसदा व दिनेश मराण्डी ने जीत दर्ज की थी। वही 2015 में डा .सनिल मुर्मू ने भी चुनाव में विजयी बने थे। लम्बे समय से भाजपा इस सीट को अपने पाले में करने के लिए संघर्षरत रहे है। पर भाजपा को कभी कामयाबी नही मिली। बीते 2019 की चुनाव में झामूमो ने करीब 13 हजार वोट की अंतराल से भाजपा को पराजित किया था।।इस चुनाव के दौरान दो प्रमुख पार्टियों ने अपने अपने चेहरे को बदलकर मैदान में उतारा। जहां झामूमो ने पूर्व मंत्री हेमलाल पर दांव खेला , वही भाजपा ने पूर्व जिला परिषद अध्यक्ष बाबुधन मुर्मू पर विश्वास जताया। चुनावी रणभूमि में दोनों दल अंतिम दिनों तक लगातार क्षेत्र में डटे रहे , पर मतदाताओ ने झामूमो पर पूरी तरह विश्वास जताकर विजयी दिलाई । चुनावी परिपेक्ष में अवलोकन की जाय तो इस चुनाव में झारखण्ड के हेमन्त सोरेन द्वारा लाये गए मइया सम्मान योजना काफी कारगर साबित हुआ। जो क्षेत्र में काफी लोकप्रिय व जनहित की योजना साबित हुई। इसके अलावे बिजली बिल माफ सहित अबुआ आवास आदि लाभप्रद योजनाओ से लोग काफी आकर्षित हुए। सबसे महत्वपूर्ण कड़ी झामूमो के स्टार प्रचारक कल्पना सोरेन रही। जिनके सम्बोधन से जन सभाओ में लोगो ने काफी विश्वास जताया। दूसरी ओर झामूमो कार्यकर्ता काफी निष्ठा व समर्पण के भाव से मतदाताओ से रूबरू होकर पार्टी के पक्ष को रखने में सफल रहे। वहीं भाजपा कार्यकर्ता हवा में विचरण करते पाया गया। क्षेत्र में भाजपा कार्यकर्ता नगण्य रूप से उपस्थिति दर्ज की। मतदाताओ से मिलने में कोताही बरती। वही पार्टी नेतृत्व ने चुनाव नतीजों की विगत इतिहास से सबक नही लिया। इस विधानसभा चुनाव में झामूमो की इस जीत पर आदिवासी मतदाताओ ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। जो वर्षो की तरह झामूमो पर विश्वास जताते हुए जीत दिलाई। इस विधानसभा चुनाव में झामूमो ने अब तक के रिकार्ड मतो से जीत हासिल किया है। इस जीत में क्षेत के सभी वर्गो की सहभागिता रही है। झामूमो के इस अजेय किले को तोड़ना आसान नही नामुमकिन है। क्योकि झामूमो की यह किला वर्षो से अक्षुण्ण रहा है। जिसमे अभी तक कोई विपक्षी दल पैर जमाने नही पाया है।