मुर्शिदाबाद। गत बुधवार तड़के सुबह करीब 5:00 बजे सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) दक्षिण बंगाल फ्रंटियर के मालदा सेक्टर के अंतर्गत 88वीं वाहिनी अराधपुर की सीमा चौकी कुटाडाह में तैनात एक बहादुर महिला कांस्टेबल ने अपनी सतर्कता, साहस और कर्तव्यनिष्ठा का परिचय देते हुए पश्चिम बंगाल में भारत-बांग्लादेश अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर तस्करों के नापाक इरादों को नाकाम कर दिया। महिला कांस्टेबल की तत्परता और त्वरित निर्णय ने 5-6 संदिग्ध बांग्लादेशी तस्करों को भागने पर मजबूर कर दिया, जो सीमा पर लगी तारबंदी को नुकसान पहुंचा भारत में घुसने की कोशिश कर रहे थे। इस दौरान महिला कांस्टेबल रात्रि की दूसरी शिफ्ट की ड्यूटी पर तैनात थी। तभी उसने बांग्लादेश की तरफ से 5-6 संदिग्ध तस्करों को धारदार हथियारों के साथ तारबंदी की ओर बढ़ते हुए देखा। तस्करों के अवैध घुसपैठ के प्रयास को देखकर महिला कांस्टेबल ने तुरंत अपने साथियों को सतर्क किया और तस्करों को चेतावनी दी। लेकिन तस्कर समूह में, बिना किसी डर के तारबंदी की ओर आक्रामक रूप से बढ़ते रहे। महिला कांस्टेबल ने बिना किसी डर के तस्करों की तरफ दौड़ते हुए तस्करों को दूसरी बार चेतावनी दी। बावजूद इसके, तस्कर अपनी नापाक मंशा को अंजाम देने के लिए तारबंदी के पास पहुंचे और उसे क्षति पहुंचाने का प्रयास करने लगे। स्थिति की गंभीरता और उनकी मंशा को भांप, महिला कांस्टेबल ने अपने हथियार से एक राउंड फायर किया। महिला कांस्टेबल के दृढ़ इरादे और फायर की आवाज सुन कर तस्कर घबरा गए और अंधेरे व घने कोहरे का फायदा उठाते हुए भागने में कामयाब रहे। घटना के बाद, जवानों के द्वारा क्षेत्र की व्यापक तलाशी ली गई। हालांकि किसी भी संदिग्ध वस्तु का पता नहीं चला। फायरिंग में किसी भी तस्कर के घायल होने से इंकार नहीं किया जा सकता। बीएसएफ साउथ बंगाल फ्रंटियर के जनसंपर्क अधिकारी ने घटना की जानकारी देते हुए कहा कि सीमा सुरक्षा बल के जवान देश की सीमा की सुरक्षा में पूरी तरह समर्पित हैं। महिला कांस्टेबल के प्रदर्शन और उनकी कार्यात्मक उपयोगिता पर बोलते हुए उन्होंने जोर देकर कहा कि उनकी क्षमता, कार्य के प्रति समर्पण व बहादुरी किसी से कम नहीं है और किसी भी प्रकार की आपराधिक गतिविधियों को रोकने व देश की सीमाओं को सुरक्षित रखने में पूरी तरह सक्षम है।
