समाचार चक्र संवाददाता
पाकुड़। आइडियल गैर सरकारी संस्था के सचिव संजय कुमार की अध्यक्षता में शहर के अपर्णा मार्केट कॉम्प्लेक्स में गुरुवार देर शाम को एक राष्ट्र, एक चुनाव विषय पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इसका उद्देश्य चुनावी प्रक्रिया में सुधार, संसाधनों की बचत और लोकतंत्र को और अधिक प्रभावी एवं समर्पित बनाना बताया गया। आयोजित संगोष्ठी में मुख्य रूप से भाजपा जिलाध्यक्ष अमृत पांडेय, प्रदेश मंत्री दुर्गा मरांडी, अनुग्रहित प्रसाद साह, महिला मोर्चा जिलाध्यक्ष शबरी पाल, निवर्तमान नगर परिषद अध्यक्ष संपा साह शामिल हुए। आइडियल संस्था के सचिव संजय कुमार ने एक राष्ट्र, एक चुनाव को राष्ट्र की अखंडता के लिए जरूरी बताया। उन्होंने कहा कि देश की इतनी बड़ी आबादी को बार-बार चुनाव में नहीं झोंका जा सकता। उन्होंने कहा कि बार-बार चुनाव होने से बहुत अधिक धन का व्यय होता है।जितना देश का शिक्षा का बजट है, उसका आधा चुनावों में खर्च हो जाता है। आपातकाल और बाद में कई लोकसभाओं और विधानसभाओं के समय पूर्व विघटन ने एक साथ चुनाव की प्रथा को बाधित किया। जिलाध्यक्ष अमृत पांडेय ने कहा कि एक राष्ट्र, एक चुनाव देश में राजनीतिक स्थिरता और विकसित भारत के निर्माण हेतू प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी का दूरदर्शी विजन है, जिसे साकार करने की दिशा में यह संवाद अत्यंत महत्वपूर्ण है। उन्होंने आगे कहा अब समय है कि हमे चुनाव में सुधार की आवश्यकता है। देश के सभी सुधारों के लिए काम करने का साहसिक निर्णय लेने की क्षमता यदि किसी ने दिखाई तो वह हमारी सरकार ने दिखाई भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिखाया। हर सार्वजनिक और सामाजिक क्षेत्र में विभिन्न सुधारों का कार्य नरेंद्र मोदी ने किया शिक्षा नीति में सुधार किया, स्वास्थ्य में सुधार, देश की आंतरिक और बाह्य सुरक्षा में सुधार, तीन तलाक, 500 वर्ष पुराने मुद्दे को सर्व सहमति से दूर हमने किया तो हम अब एक राष्ट्र एक चुनाव कराने में निश्चित ही हम सफल होंगे। हमारे देश के संसाधनों का कैफियत से उपयोग कर राष्ट्र के हित में धन और समय की बचत करना। साथ ही व्यवस्थाओं में समय बचाकर उसका उपयोग राष्ट्र निर्माण और विकास योजनाओं के लिए किया जाएगा। जिससे भारत उत्तरोत्तर प्रगति कर अपने 2047 तक विकसित भारत के लक्ष्य को प्राप्त कर सकेगा। उन्होंने कहा कि हमारे राजनैतिक जीवन की शुरुवात के समय से डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी के विचारों के साथ हम चले। जिसमें हम उनके नारे को दोहराते आते हैं। उन्होंने कहा था एक देश में दो विधान, दो प्रधान और दो निशान नहीं चलेगा। ठीक उसी तरह अब चुनाव भी एक होगा। जिससे राष्ट्र को अनेकानेक प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष लाभ होंगे। प्रदेश मंत्री दुर्गा मरांडी ने कहा कि एक राष्ट्र एक चुनाव की संकल्पना कैसे गढ़ी जाएगी, इस पर हम सभी चर्चा करेंगे। उसी तरह एक राष्ट्र एक चुनाव में सबसे बड़ी भूमिका राष्ट्रीय निर्वाचन आयोग की होगी। यह इतना आसान कार्य नहीं की चर्चा से ही यह संभव हो जाए उसके लिए हमें बहुत सारे संशोधन और व्यवस्थाओं को लागू कर एक राष्ट्र एक चुनाव की परिकल्पना पर कार्य करना होगा। हमें उसके लिए अनुच्छेद 82 और 83 में सुधार करने की आवश्यकता है।अनुग्रहित प्रसाद साह ने कहा कि जनप्रतिनिधि विधेयक में सुधार की आवश्यकता भी है। अनुच्छेद 82 में कुल 6 सह अनुच्छेद में परिवर्तन करना होगा। साथ ही अनुच्छेद 83 में संशोधन और सीधी भाषा में कहा जाए तो लोकसभा चुनावों के साथ- साथ ही सभी राज्यों में विधानसभा चुनाव साथ ही किया जाएगा। चाहे फिर किसी राज्य में सरकार का समय साल दो साल या तीन साल ही क्यों ना बचा हो। महिला मोर्चा जिलाध्यक्ष शबरी पाल ने कहा कि लोकसभा चुनाव के साथ ही विधानसभा चुनाव संपन्न होंगे। जिससे हम एक राष्ट्र एक चुनाव का क्रम बना कर उसे सुचारू रूप से करवाने में सक्षम हो सकेंगे। उसके साथ ही पूरे देश के चुनाव में एक मतदाता सूची का उपयोग होगा ना कि विधानसभा और लोकसभा की मतदाता सूची अलग- अलग होगी। महिला मोर्चा प्रदेश उपाध्यक्ष सम्पा साहा ने कहा कि, आर्थिक दृष्टिकोण से देखा जाए तो एक चुनाव में लगभग 4500 करोड़ रुपए का खर्च आता है और विधानसभाओं के चुनाव में भी भारी भरकम खर्च आता है। यदि एक राष्ट्र एक चुनाव होता है तो राज्यों के चुनाव में होने वाले अतिरिक्त खर्च को नियंत्रित कर उसके माध्यम से होने वाले व्यय और समय की बरबादी से बचकर उस व्यय की बचत को अन्य विकास कार्यों में उपयोग किया जा सकेगा। वहीं एक राष्ट्र एक चुनाव की मांग को लेकर राष्ट्रपति को ज्ञापन भेजने की बात कही गई। कार्यक्रम में पूर्व प्रदेश मंत्री शर्मिला रजक, युवा मोर्चा जिलाध्यक्ष दीपक साह, मनोरंजन सरकार, सोहन मंडल, अधिवक्ता अजीत रविदास, सपन दुबे, हिसाबी राय, प्राची चौधरी,अधिवक्ता संजीत मुखर्जी, अनामिका कुमारी, निधि गुप्ता आदि मौजूद थे।