कृपा सिंधु बच्चन@समाचार चक्र
पाकुड-एनडीए इंडिया गठबंधन के सामने झारखंड विधानसभा चुनाव परिणाम में संथाल परगना में साफ़ और पूरे राज्य में हाफ हो गया.पूरे राज्य में पाकुड़ विधानसभा का चुनाव परिणाम ख़ास इस मामले में रहा कि कॉंग्रेस की निशात आलम सबसे ज्यादा अंतर से चुनाव जीतीं।
इसका सबसे बड़ा कारण जो जमीनी स्तर पर दिख रही है,कि एक ओर जहाँ एनडीए गठबंधन में नीतिगत कमी और असंतोष प्रखर रहा,वहीं इंडिया गठबंधन में एकता और हर कार्यकर्ता अपने-अपने स्तर पर जमीनी स्तर पर मतदाताओं के बीच कार्य करते दिखे।निशात आलम के पति तथा पूर्व मंत्री तथा कॉंग्रेस के दिग्गज़ नेता आलमगीर आलम के जेल में रहने के कारण उनके पुत्र तथा कॉंग्रेस के प्रदेश महासचिव युवा नेता तनवीर आलम ने चुनाव के पहले से ही क्षेत्र में तकनीकी रूप से लोगों और कार्यकर्ताओं से अनवरत सम्पर्क बनाये रखा।जमीनी स्तर पर तनवीर आलम ने कॉंग्रेस तथा गठबंधन के कार्यकर्ताओं को आलमगीर आलम की अनुपस्थिति को अपनी मेहनत और मिलनसार स्वभाव के साथ एक परिपक्व नीतिगत फैसलों से एकजुट कर बाँधे रखा।निशात आलम ने राजनीति के आँगन में पहली बार घर की दहलीज लाँघ कर कदम रखी थी। लेकिन उनके पुत्र तनवीर आलम ने माँ की चुनावी मैदान में जीत के रथ को ऐतिहासिक जीत के परिणाम तक ऐसे पहुँचाया,जो जनचर्चा का विषय बन गया। घर गृहस्थी को सँभालने वाली भारतीय महिला निशात आलम ने भी चुनाव की रण में झाँसी की रानी जैसी हुंकार भरी,और ऐतिहासिक जीत का परचम लहरा दिया।एक पुत्र के तौर पर तनवीर आलम ने अपने पिता की अनुपस्थिति में अपनी माँ को जो मेहनत से जीत का उपहार दिया , उससे यह स्पष्ट हो गया कि पाकुड़ और कॉंग्रेस को एक परिपक्व नेतृत्व भविष्य के लिए मिल गया है।