समाचार चक्र संवाददाता
पाकुड़। पाकुड़ जिला ने मैट्रिक परीक्षा 2025 के परिणाम में इतिहास रच दिया है। पूरे राज्य में कोडरमा के बाद पाकुड़ जिला को दूसरा स्थान हासिल हुआ है।पाकुड़ जिले का परीक्षा परिणाम 96.83 फीसदी रहा। मैट्रिक परीक्षा में पहली बार राज्य में दूसरे पायदान पर पहुंची है। यह जिले के लिए बड़ी उपलब्धि है। यह उपलब्धि जिलेवासियों के लिए गौरवशाली है। पिछले साल पाकुड़ 22वें पायदान पर था। इस साल 22वें पायदान से छलांग लगाकर सीधे दूसरे पायदान पर पहुंच गई। इस साल 7920 छात्रों ने रजिस्ट्रेशन कराया था। इसके विरुद्ध 7669 छात्रों ने सफलता हासिल की है। जबकि पिछले साल 2024 में 7563 छात्रों में से 6559 छात्रों ने सफलता हासिल की थी। तब पाकुड़ जिला 22वें पायदान पर थी। जबकि साल 2023 में 6916 छात्रों में से 6570 छात्रों ने सफलता पाई थी और 12वें रैंक पर पहुंची थी। परीक्षा परिणाम जारी होने के बाद पूरे जिले में उत्सव का माहौल है।

प्रशासन से लेकर शिक्षा विभाग और पूरे जिले वासियों में खुशी की लहर दौड़ गई है। जिला प्रशासन खासकर उपायुक्त मनीष कुमार और पुलिस अधीक्षक प्रभात कुमार का अहम योगदान रहा है। जिन्होंने शिक्षा विभाग को साथ लेकर पिछले कई महिनों से परीक्षा को लेकर गंभीरता और योजनाबद्ध तरीके से काम किया। परीक्षा की तैयारी को लेकर छात्रों से बातचीत कर उन्हें उत्साहित करना और शिक्षा विभाग में ऊर्जा भरने का काम किया। मंगलवार को परिणाम जारी किए जाने के बाद सोशल मीडिया पर प्रशासन के प्रयासों की सराहना का सिलसिला चल पड़ा। इधर परीक्षा परिणाम जारी होने के तुरंत बाद जिला टॉपर छात्रों को सम्मानित किए जाने की घोषणा की गई। इसके बाद समाहरणालय के सभागार में टॉपर छात्रों को सम्मानित किया गया। उपायुक्त मनीष कुमार एवं पुलिस अधीक्षक प्रभात कुमार, डीडीसी महेश कुमार संथालिया ने छात्रों एवं उनके अभिभावकों को भी सम्मानित किया। इस दौरान छात्रों को शाल ओढ़ाकर सम्मानित करते हुए किट्स भी प्रदान किया गया। केक काटकर खुशियां मनाई गई। उपायुक्त मनीष कुमार एवं पुलिस अधीक्षक प्रभात कुमार ने पाकुड़ की इस उपलब्धि के लिए शिक्षा विभाग के तमाम पदाधिकारी, शिक्षक, अभिभावक और छात्र-छात्राओं को बधाई दी। इस उपलब्धि का श्रेय देते हुए आभार व्यक्त किया। इस दौरान छात्रों को मोटिवेट भी किया। उपायुक्त ने मैट्रिक परीक्षा में रिकॉर्ड उपलब्धि में किए गए प्रयासों को सबके बीच रखा।

उन्होंने कहा कि 96.83 प्रतिशत रिजल्ट के साथ पाकुड़ के दूसरे स्थान पर पहुंचने की उपलब्धि में प्रोजेक्ट परख अहम साबित हुआ। प्रोजेक्ट परख के तहत दसवीं एवं 12वीं के छात्रों के लिए मॉडल प्रश्न पत्र सह उत्तर पुस्तिका का निर्माण किया गया। परख बुकलेट सभी 65 उच्च एवं उच्चतर विद्यालयों को उपलब्ध कराया गया। प्रोजेक्ट परख के तहत ही प्रत्येक शुक्रवार को दसवीं और बारहवीं के 45,000 छात्रों का सप्ताहिक जांच परीक्षा लिया गया। उन्होंने कहा कि 10वीं और 12वीं के बच्चों के लिए 4 फरवरी 2025 से 7 फरवरी 2025 तक आयोजित किए गए प्री बोर्ड परीक्षा भी काफी काम आया।

इसके अलावा बच्चों के साथ क्वेश्चन पेपर का डिस्कशन, टॉपर एवं कमजोर बच्चों और उनके अभिभावकों के साथ इंटरेक्शन, बच्चों की उपस्थिति बढ़ाने के लिए शिक्षक अभिभावक की बैठक, विद्यालयों में बच्चों को पढ़ाने के लिए सीआरपी बीआरपी की प्रतिनियुक्ति, बच्चों का नया नामांकन और उपस्थिति बढ़ाने के लिए रुआर कार्यक्रम, फिर से स्कूल चले हम का आयोजन, विद्यालयों में तिथि भोजन सह जन्मोत्सव कार्यक्रम का आयोजन, विद्यालयों में शिक्षकों की उपलब्धता के लिए वैकल्पिक व्यवस्था के तहत 100 बीएड प्रशिक्षुओं की नियुक्ति, छह कस्तूरबा विद्यालय एवं एक नेताजी सुभाष चंद्र बोस आवासीय विद्यालय के 424 बच्चों को प्रोजेक्ट परख पुस्तिका का वितरण, 101 पीभीजीटी एवं दिव्यांग बच्चों का जिला स्तरीय शैक्षिक भ्रमण, प्रोजेक्ट प्रारंभ के तहत दस पीएम श्री विद्यालयों के 2000 बच्चों का जिला स्तरीय भ्रमण, राष्ट्रीय आविष्कार अभियान के तहत 200 बच्चों को मार्च, अप्रैल एवं मई 2025 में रांची, पारसनाथ, मधुबन, गिरिडीह जिला का शैक्षणिक भ्रमण, जिला स्तर पर एफएलएन मेला, क्विज प्रतियोगिता व विज्ञान प्रदर्शनी का आयोजन तथा 970 विद्यालयों में बच्चों के बीच शैक्षणिक सत्र 2025-26 में पाठ्य पुस्तक, स्कूल बैग एफएलएन एवं ज्ञान सेतु पुस्तक का वितरण परीक्षा परिणाम में काफी काम आया।
