ललन झा@समाचार चक्र
अमड़ापाड़ा। प्रकृति की अनुपम सुंदरता की गोद में स्थित पार्क प्रकृति विहार शैलानियों का मन मोहने लगा है। नव वर्ष की दस्तक के साथ ही सीमावर्ती राज्य पश्चिम बंगाल के विभिन्न स्थानों के पर्यटकों का आना यहां शुरू हो चुका है। बांसलोई नदी की कल कल करती अनवरत प्रवाहित जल धार, नदी के दोनों तट पर खड़े श्यामल पत्थरों के मौन संगीत, हरे भरे पेड़ों जंगलों के मध्य आकास से बातें करतीं गूमा पहाड़ी की श्रृंखलाएं, झाड़ी झुरमुठों से भरे मैदान, कलरव करतीं पक्षियों के गान, मंद मंद बहतीं शीतल हवा भला किसी भी प्रकृति प्रेमी को अपनी ओर खींच ही लेती हैं। ऐसे में नव वर्ष की आहट के साथ ही प्रकृति विहार सहित नदी के किनारे स्थित कुदरती पिकनिक स्पॉट वनभोज प्रेमियों को प्रकृति के खुलेपन के बीच खाने पीने, गाने, नाचने व झूमने को मजबूर कर देते हैं। अब नूतन वर्ष 2024 के आगमन में महज पंद्रह दिनों का समय ही शेष है। लोग इस दौरान अपने कटु मधुर स्मृति व अनुभव के साथ नए वर्ष का अभिवादन और समापन की दहलीज पर खड़े साल की विदाई करते हैं। बहरहाल, पल भर के लिए ही सही, थके हारे, बुझे मन और हृदय को शुकून देता है पार्क प्रकृति विहार।
नव वर्ष के स्वागत को तैयार है प्रकृति विहार
नूतन साल पर शैलानी, पर्यटक अथवा क्षेत्र वासियों का आकर्षण प्रकृति विहार अपने कुदरती सौंदर्य की छटा बिखेर रहा है। कतारबद्ध लगे पार्क की रौनक बढाने वाले पौधे, फूल सबों का उचित निर्वहन किया जा रहा है। बच्चों के मनोरंजन के साधनों का प्रबंधन भी हो रहा है। पार्क की स्वक्षता पर खास ध्यान रखा जा रहा है। पिकनिक स्थल की सफाई भी की जा रही है।
पार्क के जीर्णोद्धार व बेहतर विकास के लिए हो रहा है प्रशासनिक पहल
प्रशासन प्रकृति विहार में व्याप्त कमियों को दूर करने और इसके संवर्धन व उन्नयन की दिशा में प्रयासरत है। शीघ्र ही एक बड़ी राशि इसके विकास पर खर्च किए जाएंगे। बाल मनोरंजन के साधन बढ़ाए जाएंगे। कुमुद सरोवर का जीर्णोद्धार होगा। पशु उद्यान, फूल पौधे, लाइटिंग, बाउंड्री वाल, शेड आदि तमाम चीजों को दुरुस्त किए जाने की तैयारी है। इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए अभियंताओं की टीम व वरीय पदाधिकारी पार्क का अवलोकन कर चुके हैं।